मध्यप्रदेश में गुड़ी पड़वा “सृष्टि आरम्भ दिवस” के रूप में मनाया जाएगा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की विक्रमोत्सव-2025 की तैयारियों की समीक्षा
11 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में गुड़ी पड़वा “सृष्टि आरम्भ दिवस” के रूप में मनाया जाएगा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की विक्रमोत्सव-2025 की तैयारियों की समीक्षा – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि आगामी गुड़ी पड़वा को प्रदेश में “सृष्टि आरम्भ दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विक्रमोत्सव-2025 और अखिल भारतीय कालिदास समारोह की तैयारियों की समीक्षा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ये आयोजन भव्य और ऐतिहासिक होंगे। गुरुवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने उज्जैन में होने वाले प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की और आयोजन को सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
विक्रमोत्सव और कालिदास समारोह के भव्य आयोजन की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि विक्रमोत्सव-2025 का आयोजन महाशिवरात्रि से शुरू होकर गुड़ी पड़वा तक चलेगा। इस दौरान कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के साथ-साथ उज्जैन के इतिहास, विज्ञान और संस्कृति को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाएगा। विक्रमोत्सव के अंतर्गत महाकाल शिवज्योति अर्पणम, विक्रम व्यापार मेला, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, राष्ट्रीय वैज्ञानिक समागम, पौराणिक फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव और विक्रम नाट्य समारोह जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रमोत्सव के दूसरे चरण में 30 मार्च से 30 जून तक पूरे प्रदेश में “जल गंगा संवर्धन अभियान” चलाया जाएगा, जिसमें नदियों और जल संरचनाओं के संरक्षण का कार्य किया जाएगा। इस महत्त्वपूर्ण अभियान का समापन गंगा दशहरा पर सांस्कृतिक आयोजन के साथ किया जाएगा।
कालिदास समारोह: स्थायी संरचना और पुरस्कार राशि में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय कालिदास समारोह के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 12 से 18 नवंबर तक इस समारोह का आयोजन किया जाएगा। कालिदास समारोह की शुरुआत उज्जैन के गढ़कालिका मंदिर में वागअर्चन से होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि इस समारोह के लिए पुरस्कारों की राशि में वृद्धि की जाए और अतिथियों के आमंत्रण तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजनाबद्ध व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष कालिदास समारोह में अस्थायी संरचना का निर्माण होता है, इसे स्थायी बनाया जाना चाहिए ताकि हर बार की लागत में कमी आए और कार्यक्रम का स्तर और बेहतर हो सके। इसके अलावा, समारोह की ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
वीर भारत न्यास का एक्सपीरियंशल संग्रहालय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीर भारत न्यास की बैठक में उज्जैन में बनाए जा रहे संग्रहालय की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इसे पारंपरिक संग्रहालय के बजाय एक्सपीरियंशल और एक्टिविटी-बेस्ड संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाए, ताकि यह संग्रहालय युवाओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने। संग्रहालय में तकनीकी नवाचार का उपयोग कर कंटेंट निर्माण की दिशा में काम करने पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि संग्रहालय के दीर्घाओं के विषय के आधार पर नाम परिवर्तन पर भी विचार किया जाए और संग्रहालय में आने वाले शोधकर्ताओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएं।
विक्रमोत्सव-2025: प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को मिलेगी नई ऊँचाई
विक्रमोत्सव-2025 को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को एक नई ऊँचाई देगा। इस आयोजन के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति, इतिहास और परंपराओं को देश-विदेश में एक नई पहचान मिलेगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
गुड़ी पड़वा को “सृष्टि आरम्भ दिवस” के रूप में मनाने का उद्देश्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी बताया कि गुड़ी पड़वा को “सृष्टि आरम्भ दिवस” के रूप में मनाने का उद्देश्य प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को सहेजना और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि इस पर्व को पूरे प्रदेश में भव्यता से मनाने के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं और विक्रमोत्सव-2025 का आयोजन इसे और अधिक विशेष बनाएगा।
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