राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ नवाचार आयोग के अध्यक्ष श्री ढांड ने कृषि स्टार्टअप्स के उद्यमियों से चर्चा की

02 दिसम्बर 2023, रायपुर: छत्तीसगढ़ नवाचार आयोग के अध्यक्ष श्री ढांड ने कृषि स्टार्टअप्स के उद्यमियों से चर्चा की – राज्य नवाचार आयोग के अध्यक्ष श्री विवेक ढांड ने आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं रफ्तार एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन योजना के तहत स्टार्टअप्स उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र काफी वृहद होने के कारण इस पर अनेक स्टार्टअप्स शुरू किये जा सकते हैं। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न र्स्टाटअप्स द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों का भी अवलोकन किया।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने  कहा कि कृषि स्टार्टअप स्टार्टअप के माध्यम से कृषि आधारित 900 से अधिक उत्पाद निर्मित किये जा रहे हैं जिनसे लाखों किसानों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हो रहा है उन्होंने कृषि छात्रों से कहा , वे कृषि स्टार्टअप्स लगाने  के लिए आगे आएं। आई.जी.के.वी. राबी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. हुलास पाठक ने बताया कि चार वर्षां में 236 स्टार्टअप्स प्रवेशित हुए हैं, जिनमें से 101 स्टार्टअप्स को भारत सरकार की ओर से 10.84 करोड़ का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है।

धान की 24 हजार से अधिक किस्में

नवाचार आयोग के अध्यक्ष श्री विवेक ढ़ांड़ ने इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न अनुसंधान कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने उच्च मूल्य फसलों की गुणवत्तायुक्त संरक्षित खेती के तहत उगाई जा रही विभिन्न फसलों का अवलोकन किया। उन्होंने वहां कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित स्पीड ब्रीडिंग कार्यक्रम का भी जायजा लिया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने बताया कि स्पीड ब्रीडिंग कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न फसलों की नवीनी प्रजातियां विकसित करने में लगने वाली समयावधि को 10 से 12 वर्ष की बजाय 4 से 5 वर्ष तक कम किया जा सकेगा। श्री ढांड ने टिश्यू  कल्चर लैब में टिश्यू  कल्चर केला, गन्ना आदि पौधों का भी अवलोकन किया। साथ ही  बायो इन्क्यूबेशन सेन्टर भी देखा । श्री ढांड ने आर.एच. रिछारिया लैब में संकलित धान की 24 हजार से अधिक किस्मों का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्य नवाचार आयोग के सदस्य सचिव डॉ. आर.के. सिंह, सदस्य डॉ. ऋतु वर्मा सहित विश्वविद्यालय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिकगण उपस्थित थे।

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