कृषि महाविद्यालय, इंदौर की ज़मीन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने लिखी मुख्यमंत्री को चिट्ठी
17 अगस्त 2022, इंदौर: कृषि महाविद्यालय, इंदौर की ज़मीन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने लिखी मुख्यमंत्री को चिट्ठी – कृषि महाविद्यालय, इंदौर के अनुसन्धान केंद्र की भूमि को कथित रूप से हड़पने के सरकारी प्रयासों को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजयसिंह ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इस भूमि पर प्रस्तावित सिटी फारेस्ट और ऑक्सीजन झोन बनाने के प्रस्ताव को निरस्त करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में श्री सिंह ने लिखा कि राष्ट्रीय किसान नेता श्री योगेंद्र यादव , प्रदेश के किसान नेता श्री केदार सिरोही और अख़बारों में छपी खबरों के हवाले से पता चला कि तीसरी बार मप्र शासन और जिला प्रशासन कृषि महाविद्यालय इंदौर के अनुसन्धान केंद्र की भूमि को हड़पने की योजना बनाई जा रही है। कुछ अधिकारियों ने नेताओं और बिल्डरों से मिलकर ऑक्सीजन झोन का काम कर रहे रेसीडेंसी एरिया में कृषि महाविद्यालय परिसर की ज़मीन पर ऑक्सीजन झोन और सिटी फारेस्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है , जबकि विगत 200 सालों से रेसीडेंसी एरिया में लगे हज़ारों हरे भरे वृक्ष इंदौर को शुद्ध हवा देने का काम कर रहे हैं। इंदौर के भूमाफियाओं की इस बेशकीमती भूमि पर नज़र है वे तिकड़मबाजी कर रेसीडेंसी एरिया को व्यवसाय और वाणिज्य क्षेत्र बदलवाने की कुचेष्टा कर रहे हैं। कुछ शीर्ष स्तर के अधिकारी भी इंदौर के पर्यावरण से खिलवाड़ करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। रेसीडेंसी एरिया की हरियाली इंदौर की पहचान है। ब्रिटिश काल में बने इस कृषि महाविद्यालय में कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि की राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी 23 अप्रैल 1935 को इंदौर भ्रमण के दौरान सराहना कर चुके हैं। मालवा की खेती पूरी दुनिया में सराही जाती है। किसानों ने सभी फसलें लेकर मालवा का नाम रोशन किया है। कृषि महाविद्यालय किसानों की आशाओं का केंद्र बिंदु है। हर साल सैकड़ों छात्र यहां से पास होकर मालवा की मिट्टी का कर्ज़ उतार रहे हैं।
श्री सिंह ने अपने पत्र में कृषि महाविद्यालय इंदौर के महत्व को रेखांकित करते हुए लिखा है कि इसका राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कृषि महाविद्यालय की भूमि पर सिटी फारेस्ट या ऑक्सीजन झोन बनाने के प्रस्ताव से कृषि अनुसंधान,बीज उत्पादन , कृषि शिक्षा आदि प्रभावित होंगे। इससे कृषि और किसानों की उन्नति में गतिरोध उत्पन्न होगा। इसे देखते हुए अनुरोध है कि कृषि महाविद्यालय की भूमि पर प्रस्तावित सिटी फारेस्ट और ऑक्सीजन झोन बनाने के प्रस्ताव को निरस्त करते हुए कृषि महाविद्यालय को यथावत रखे जाने के निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।
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