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पपीता का उत्पादन, अन्य तरीके से भी किसान कमा सकते है लाभ

28 जनवरी 2025, भोपाल: पपीता का उत्पादन, अन्य तरीके से भी किसान कमा सकते है लाभ – जी हां ! पपीता का उत्पादन करने वाले किसान न  केवल पपीता की मार्केटिंग करके बल्कि अन्य तरह से भी इससे लाभ कमा सकते है। यह लाभ कमाया जा सकता है जैम और चेरी बनाकर।

पपीता को सेहत का खजाना माना जाता है और यही कारण है कि डॉक्टरों द्वारा  भी लोगों को सेहत बनाने के लिए पपीता का सेवन करने की सलाह देते है। देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों द्वारा पपीता उगाये जाते है। लेकिन किसान पपीते का जैम और चेरी भी बनाकर अतिरिक्त रूप से कमाई कर सकते है।

दरअसल, बाज़ार की सुविधा न होने, मांग में कमी या गांव से शहरों तक जल्दी पहुंच पाने की सुविधा न होने की वजह से किसानों की 25 से 30 प्रतिशत तक फसल खराब हो जाती है। इससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसके अलावा, एक किलो फल जहां किसान, व्यापारियों को 10 से 15 हज़ार रुपये में बेचते हैं, वहीं बाज़ार में ये 40-50 रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है। यानी किसानों की बजाय मुनाफा व्यापारियों को होता है। ऐसे में किसान एक तो सीधे अपनी उपज की बिक्री से अधिक लाभ कमा सकते हैं और दूसरा है इसका मूल्य संवर्धन उत्पाद तैयार करना, जिससे फसल के खराब होने से पहले ही दूसरे उत्पाद बनाकर किसान उसे बेच सकते हैं।

पपीते की खेती महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात में सबसे अधिक की जाती है। पूरे विश्व में पीपते का सबसे अधिक उत्पादन भारत में ही होता है, मगर इससे किसानों को ज़्यादा मुनाफ़ा नहीं मिल पाता, क्योंकि उनकी सीधे बाज़ार तक पहुंच नहीं होती और दूसरी वजह ये है कि फल जल्दी खराब होने लगता है। ऐसे में किसान मूल्य संवर्धन उत्पाद बनाकर इस समस्या का हल निकाल सकते हैं। इसे बनाना बहुत ही आसान है।

पपीते का जैम बनाने के लिए

पपीते का जैम बनाने के लिए आपको एक किलो पका हुआ पपीता, 750 ग्राम शक्कर और 10 ग्राम सिट्रिक एसिड की ज़रूरत होगी। सबसे पहले पपीते को धोकर, छील लें और काटकर उसका बीज निकाल लें। पीपते को काटकर चीनी मिलाकर मिक्सर में पीस लें और इसमें सिट्रिक एसिड डालकर धीमी आंच पर 103 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर लें। ध्यान रखें कि यह जैम की तरह गाढ़ा हो जाए। फिर से आंच से उतारकर ठंडा कर लें और कांच के जार में भरकर रखें। इस तरह से तैयार करने पर जैम लंबे समय तक चलता है। इसे ठंडे और सूखे स्थान पर रखें।

रंग-बिरंगी चेरी बच्चों को बहुत पसंद

रंग-बिरंगी चेरी बच्चों को बहुत पसंद आती है। चेरी बनाने के लिए 500 ग्राम कच्चा पपीता, 3 कप पानी, 2 कप चीनी और थोड़े रंग की जरूरत होगी। पहले पीपते को छीलकर धो लें और दो भागों में काटकर बीज निकाल लें। फिर से बारीक टुकड़ों में काट लें। गैस पर एक बर्तन में पानी रखें और उसमें पपीता डालकर आधा पक जाने तक उबालें। फिर से छान लें। अब एक बर्तन में 2 कप चीनी और 3 कप पानी डालकर चीनी को घुलने तक पकाएं और फिर इसमें पपीते की चेरी डालकर अच्छी तरह से पकाएं। इससे एक तार निकलने तक इसे पकाएं, फिर चेरी को अलग-अलग बर्तन में निकाल लें और मनपसंद रंग डालकर रंग-बिरंगी चेरी तैयार कर लें। चेरी को 24 घंटे के लिए छलनी में सूखने दें, फिर एयरटाइट कंटेनर में भरकर रखें।

सबसे बड़ी खासियत है

पपीते में पौष्टिक तत्व होते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें पाया जाने वाला एंजाइम पेपिन, पाचन को दुरुस्त रखता है और आंतों के स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। जो लोग वज़न कम करना चाहते हैं उनके लिए भी पपीते का सेवन बहुत लाभदायक है। इसके अलावा, पपीते में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, ई और ए, डायट्री फाइबर, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे कई मिनरल्स भी होते हैं। पपीते के सेवन से दिल भी सेहतमंद बना रहता है, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है। रोजाना पपीता खाने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है और मेटाबॉलिज्म भी स्वस्थ बना रहता है।

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