राज्य कृषि समाचार (State News)

डबरा मंडी में हुई कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा

14 अप्रैल 2025, ग्वालियर: डबरा मंडी में हुई कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा – नरवाई प्रबंधन एवं ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर कम पानी, कम लागत व कम समय में अच्छी पैदावार देने वाली फसलों के प्रति किसानों को आकर्षित करने के लिये जिले में कृषक जागरूकता कार्यक्रम व कृषक संगोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। इस कड़ी में गत दिनों  कृषि उपज मंडी समति डबरा में एक दिवसीय कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जनपद पंचायत डबरा की अध्यक्ष श्रीमती प्रवेश गुर्जर के मुख्य आतिथ्य में हुआ। उन्होंने इस अवसर पर आह्वान किया कि पानी हमारी प्रमुख संपदा व जीवनदायी है। इसलिये पानी की बचत करें और धान की बजाय कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली फसलें उगाएं।

कृषि विज्ञान केन्द्र ग्वालियर की वैज्ञानिक डॉ. रश्मि वाजपेयी ने कार्यक्रम में किसानों को धान की फसल के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मूँग एवं कद्दू वर्गीय फसलें लगाने के संबंध में उपयोगी जानकारी दी। डबरा के एसडीएम श्री दिव्यांशु चौधरी ने किसानों से कहा कि पराली जलाना हर तरह से हानिकारक है। साथ ही कानूनी रूप से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा यदि किसी ने पराली जलाई तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी। उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री आर एस शाक्यवार ने किसानों से कहा कि नरवाई जलाने के बजाय हैप्पी सीडर के माध्यम से बुवाई करना चाहिए। इससे लागत भी कम आयेगी। साथ ही पराली का उपयोग खाद के रूप में होगा। उन्होंने किसानों की आय दोगुना करने के संबंध में भी उपयोगी बातें बताईं।

कार्यक्रम में अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री रणवीर सिंह जाटव, सहायक कृषि यंत्री श्री त्रिलोकचंद पाटीदार, सहायक संचालक कृषि श्री कुलदीप एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री विशाल सिंह यादव ने कृषि यंत्रों से पराली को खेत में मिलाने की विधि, नवीन कृषि तकनीक, ग्रीष्म ऋतु में हरी खाद के लिये ढेंचा लगाने इत्यादि के बारे में जानकारी दी।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements