मशरूम स्वस्थ जीवनशैली के लिए वरदान
लेखक: विशाखा सिंह, वैज्ञानिक, कृविके, रांची, पल्लवी सिंह, शोध छत्रा, एनडीयूएटी, अयोध्या
29 जुलाई 2024, भोपाल: मशरूम स्वस्थ जीवनशैली के लिए वरदान – भारत में बढ़ती जनसंख्या खाद्य समस्या में चेतावनी सूचक स्थिति पैदा कर रही है। विकासशील देशों में सर्वव्यापी कुपोषण के साथ लगातार बढऩे वाली प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए प्रोटीन युक्त पदार्थों के स्त्रोतों की खोज भी जारी है। साथ ही साथ भारत में प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत का उत्पादन भी बढ़ती जनसंख्या की पूर्ति नहीं कर पा रहा है। हमारे देश की जनसंख्या का 80 प्रतिशत वर्ग कम आय वाला है। रोमन मशरूम को ‘भगवान का भोजनÓ मानते थे, जबकि यूनानियों ने उन्हें एक संसाधन के रूप में देखा जो योद्धाओं को युद्ध में ताकत देता था। मशरूम एक पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोगरोधक सुपाच्य खाद्य पदार्थ है। इसमें लगभग 22-35 प्रतिशत उच्च कोटि की प्रोटीन पाई जाती हैं, जिसकी पाचन शक्ति 60-70 प्रतिशत तक होती हैं। इनमें कम वसा और उच्च फाइबर सामग्री के कारण हृदय रोगों को रोकने की काफी क्षमता होती है, साथ हीऑक्सीडेटि व क्षति को कम करने में उपयोगी प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत होने के कारण इनमें हृदय रोगों को रोकने की काफी क्षमता होती है। हालाँकि, व्यापक पोषण और बायो एक्टिव क्षमता के बावजूद, मशरूम का कम उपयोग किया जा रहा है।
मशरूम के औषधीय महत्व:
प्रतिशत प्रणाली को बनाये मजबूत: मशरूम में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट हमें हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते है। मशरूम के सेवन से शरीर में एंटीवायर, एन्टभ्क्योटिक व अन्य प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती हैं जो संक्रमण से बचाता है। इसमें मौजूद सेलेनियस रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता हैं।
मधुमेह में लाभदायक: मशरूम में शर्करा (0.5 प्रतिशत) और स्टार्च की मात्रा बहुत कम होती है जो कि मधुमेह रोगी के लिये जानलेवा हैं। मशरूम में कोलेस्ट्राल भी नहीं होता है तथा यह शरीर में इनसुलिन हार्मोन के निर्माण में भी मदद करता हैं।
मोटापा से बचाये: मशरूम में तीन प्रोटीन होता है जो वजन घटाने में मददगार होता हैं। मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन युक्त भोजन सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिसके लिये मशरूम खाना बेहतर विकल्पों में से एक है।
कैंसर के लिये मशरूम: मशरूम में बीटा ग्लूकन और कंजूगेट लीनोलिक एसिड होता है जो किएंटी कासनोजेनिक प्रभाव छोड़ते हैं। अत: मशरूम के सेवन से प्रोस्टेट एवं ब्रेस्ट कैंसर में बचाव होता हैं।
पाचन शक्ति करे मजबूत: मशरूम में विटामिन ‘बीÓ होता है जो कि भोजन को ग्लूकोज में बदलकर उर्जा पैदा करता है शर्करा व कोलेस्ट्राल की कम मात्रा, सुपाच्य रेशों कि बहुलिया, पैष्टिक होने के कारण पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में उपयोगी सिद्ध हुआ हैं।
उदर विकार करे दूर: ताजे मशरूम में पर्याप्त मात्रा में रेशे होते हंै, इसका सेवन करने से कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों से बचाव होता हैं।
हीमोग्लोबिन स्तर नियंत्रित रखे: मशरूम में लौह तत्व एवं बहुमूल्य फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो केवल मासाहारी खाद्य पदार्थों में होता हैं। अत: यह रक्त की कमी की शिकार अधिकांश शाकाहारी महिलाओं एवं बच्चों के लिये से सर्वोत्तम आहार हैं।
हृदय रोग के लिये लाभकारी: हृदय रोगियों की आहार योजना में मशरूम को सम्मिलित करना उपयोगी पाया गया है क्योंकि मशरूम शर्करा एवं कोलेस्ट्राल को नियंत्रित कर रक्त सचार को बढ़ाता है।
हड्डियों को मजबूती प्रदान करें: मशरूम में यद्यपि बिटामिन ‘एÓ, ‘डीÓ तथा ‘केÓ नहीं पाया जाता परन्तु एर्गोस्टेराल पाया जाता है तो मानव शरीर के अन्दर विटामिन ‘डीÓ में परिवर्तित हो जाता है। और हड्डियों को मजबूती प्रदान करता हैं।
कुपोषण से बचाये: यह बाल्यावस्था, युवावस्था, गर्भावस्था तथा वृद्धावस्था तक सभी चरणों में उपयोगी हैं। इसमें विद्यमान प्रोटीन, रेशा, विटामिन, तथा खनिज लवण के कारण कुपोषण से बचाता हैं। मशरूम में शर्करा, स्टार्च, वसा बहुत कम तथा सोडियम साल्ट ना होने के कारण मोटापे, गुर्दे हृदयघात रोगियों के लिये आदर्श आहार हैं। इसके अतिरिक्त मशरूम बालों तथा त्वचा के लिये भी काफी फायदेमंद हैं। इसमें उपस्थित पौष्टिक तत्व शरीर के निर्माण, पुन: निर्माण एवं स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक हैं। मशरूम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके पैदावार में कम लागत एवं कम समय लगता हैं। जिनके पास जमीन नहीं है उनके लिये मशरूम की खेती करना, कम लागत में एक बहुत ही आकर्षक व लाभकारी उपक्रम हैं। मशरूम से तरह-तरह के व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं, मशरूम के प्रोडक्ट बना कर बेचना एक अच्छा व्यवसाय हो सकता हैं जैसे-मशरूम पापड़, पाउडर सूप, अचार इत्यादि ।
मशरूम को छोटी सी जगह में लंबवत उगाया जा सकता है ये शीघ्र उपज देने वाला, पौष्टिक भोजन और आय का एक स्थिर स्रोत है। मशरूम का उत्पादन करके खेती से आजीविका को बढ़ावा मिल सकता है और गरीबी के प्रति संवेदनशीलता कम हो सकती है।
मशरूम में पाये जाने वाले पौष्टिक अवयवों का विवरण (प्रति 100 ग्राम) | |||||||
मशरूम की प्रजातियाँ | प्रोटीन (ग्राम) | रेशा (ग्राम) | कार्बोहाड्रेट (ग्राम) | वसा (ग्राम | खनिज (ग्राम) | उर्जा (किलो कैलोरी) | |
श्वेत बटन मशरूम | 9-23 | 48-60 | 63-40 | 2-70 | 6-32 | 412 | |
प्लूरोटसओस्ट्रीरएस मशरूम | 30-40 | 8-70 | 57-60 | 2-20 | 9-80 | 265 | |
हामपुआल मशरूम | 37-50 | 5-50 | 54-80 | 2-60 | 1-10 | 305 | |
दूधिया मशरूम | 17-69 | 3-40 | 64-60 | 4-10 | 7-43 | 391 | |
शिटाके मशरूम | 32-93 | 28-80 | 47-60 | 3-73 | 5-20 | 387 | |
शीतकालीन मशरूम | 17-60 | 3-40 | 43-10 | 1-60 | 7-40 | 378 | |
ब्लैक इयर मशरूम | 4-20 | 19-80 | 82-80 | 8-30 | 4-70 | 351 | |
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