कम्पनी समाचार (Industry News)

यूपीएल ने बताया सोयाबीन के संकरी पत्ती वाले खरपतवारों का प्रबंधन

27 जुलाई 2024, इंदौर: यूपीएल ने बताया सोयाबीन के संकरी पत्ती वाले खरपतवारों का प्रबंधन – राष्ट्रीय कृषि अखबार कृषक जगत और कृषि क्षेत्र की प्रसिद्ध कम्पनी यूपीएल एसएएस लि के संयुक्त तत्वावधान में गत दिनों कृषक जगत किसान सत्र अंतर्गत’ सोयाबीन में संकरी पत्ती वाले खरपतवारों का प्रबंधन’ विषय पर ऑन लाइन वेबिनार आयोजित किया गया, जिसके प्रमुख वक्ता श्री  प्रताप रणखांब, फील्ड मार्केटिंग हेड, श्रीअभिजीत जगदाले, पोर्टफोलियो लीड, हर्बीसाइड्स और श्री रूपबसंत नागर, हेड प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एन्ड कैटेलिस्ट, यूपीएल एसएएस लि थे। दोनों वक्ताओं द्वारा सोयाबीन में संकरी पत्ती वाले खरपतवारों की लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस वेबिनार में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। प्रश्नोत्तरी में वक्ताओं द्वारा किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया। कृषि ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को कम्पनी की ओर से पुरस्कारस्वरूप  एक एकड़ का सेंचुरियन उत्पाद देने की घोषणा की गई। वेबिनार का संचालन कृषक जगत के संचालक श्री सचिन बोन्द्रिया ने किया।  

श्री  प्रताप रणखांब

आरम्भ में श्री रणखांब ने कहा कि यूपीएल देश की नामांकित कंपनी है, जो भारत के अलावा विश्व के 135 देशों में एग्रोकेमिकल का व्यवसाय करती है। कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन श्री रज्जु भाई श्रॉफ को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया था। कम्पनी किसानों के लिए इनोवेशन करती रहती है , क्योंकि कंपनी का प्रमुख उद्देश्य फार्मर फर्स्ट है। किसानों की फसलों में होने वाली खरपतवार,कीट, फफूंद और पोषण संबंधी समस्याओं के समाधान के लिये कम्पनी के कई उत्पाद जैसे मॅकेरीना, आइरिस ,एमिकस ,इलेक्ट्रॉन ,साफ आदि की विस्तृत श्रृंखला है ,जो किसानों को मददगार साबित होगी । हमारा प्रयास है कि  किसानों की फसल
सुरक्षित रहे और उन्हें कम लागत में अच्छा मुनाफा हो।

श्री अभिजीत जगदाले

श्री जगदाले ने दृश्य – श्रव्य माध्यम से  सोयाबीन में होने वाले संकरी पत्ती के खरपतवारों की चर्चा करते हुए कहा कि खरपतवार के विनाश के लिए यूँ तो बाजार में कई उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन मप्र के किसानों का पिछले 5  सालों से कम्पनी उत्पाद एमिकस, आइरिस , लगाम के प्रति विश्वास दृढ हुआ है। 4 वर्ष पूर्व संकरी पत्ती के खरपतवारों के लिए पेश किए गए उत्पाद सेंचुरियन का प्रति वर्ष लगातार उपयोग बढ़ रहा है। मप्र में गत वर्ष  3 – 4 लाख एकड़ में सेंचुरियन का उपयोग किसानों द्वारा किया जा चुका है। सेंचुरियन नई तकनीक वाला पहला  डिम रसायन का  उत्पाद है, जो खरपतवारों की बढ़ी हुई प्रतिरोध क्षमता के बावजूद 2 -6  पत्ती के संकरे खरपतवारों में बहुत प्रभावी है। इसके प्रभाव से 4 -6  दिन में पहले खरपतवार मुरझाएगा। 72 घंटों में इसे भोजन मिलना बंद हो जाएगा।  जड़ और शाखाओं का विकास रुकेगा। 7 -14  दिन में पूरी तरह खत्म हो जाएगा। आरम्भ से अंत तक इसका कोई विपरीत परिणाम नहीं  मिलने से यह सोयाबीन फसल की हर अवस्था में लाभदायक है । फसल भी पूरी तरह सुरक्षित रहती है। सेंचुरियन की 200  मिली लीटर /एकड़ मात्रा निर्धारित है। सेंचुरियन के साथ सरफेक्टंट को मिलाकर इस्तेमाल करें। इसके लिए दोनों के अलग-अलग घोल तैयार कर उनका मिश्रण करने के बाद स्प्रे करें। सेंचुरियन 100 , 200 मिलीलीटर और एक लीटर में तथा एडजुएंट 500 मिली लीटर ,1 लीटर और 5 लीटर की पैकिंग में उपलब्ध है।

श्री रूप बसंत नागर

श्री नागर ने सांवा, जंगली रागी घास, टोली बट्टा आदि खरपतवारों की जानकारी देते हुए कहा कि  इन खरपतवारों की प्रतिरोध क्षमता बढ़ जाने से यह एक चुनौती बन गए हैं।  बुवाई के बाद अनियमित वर्षा ,खुला मौसम, वर्षा अंतराल , अप्रत्याशित वर्षा ,अन्य दवाइयों से नियंत्रण न होना और मजदूरों की समस्या इसके प्रमुख कारक हैं। इन्हीं सब समस्याओं  को देखकर यूपीएल ने 2020 में नया उत्पाद सेंचुरियन लांच किया था ,जो छोटे -बड़े सभी खरपतवारों को नियंत्रित करता है। सेंचुरियन सिस्टेमिक हर्बीसाइड है, जो स्प्रे में  घास के किसी एक भाग  में भी पड़ने पर असर करता है और वह खत्म हो जाता है। इसके उपयोग की मात्रा 200 मिली लीटर / एकड़ निर्धारित है। श्री नागर ने किसानों से आग्रह किया कि किसी भी हालत में इसका डोज़ कम न करें ,अन्यथा घास की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी। 3 -5  पत्ती की अवस्था में सही समय पर स्प्रे करें। छिड़काव में देरी से भी पूरा असर नहीं होता है । संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए बाज़ार में उपलब्ध अन्य चारा मार दवाइयां अधिक प्रभावी नहीं है। उनसे  जहां 40 -50 % तकअसर होता है, वहीं सेंचुरियन 100 %  काम करता है। संकरी पत्ती वाली समेल घास एक वर्षीय हो या बहुवर्षीय उस पर सेंचुरियन पूरी तरह प्रभावी है। इसकी लम्बी छिड़काव अवधि होने से ज़्यादा असरकारक है। सेंचुरियन , रेजिस्टेंस  ब्रेकर है ,जो 3 -5 की संकरी पत्ती वाली घास की प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर खरपतवारों का समूल नाश करता है।  यह सोच से आगे का उत्पाद है। सेंचुरियन में खरपतवार नाशक के सभी गुण मौजूद हैं।

प्रश्नोत्तरी –  श्री राकेश जाट ,बागली ( देवास ) ने यूपीएल उत्पाद की उपलब्धतता और सोयाबीन फसल में कीटनाशकों की प्रतिरोध क्षमता बढ़ने को रोकने का उपाय पूछा। श्री जगदाले ने कहा कि कोई एक दवाई सभी पर काम नहीं करेगी। किसी भी दवाई को उसके निर्धारित डोज़ अनुसार उपयोग करें , अन्यथा लागत बढ़ेगी और उत्पादकता घटेगी। बागली में यूपीएल उत्पाद मिलने की जानकारी दे दी जाएगी। श्री नागर ने बीच में  हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कम्पनी का रिसर्च एन्ड डेवलपमेंट तंत्र  भविष्य में आने वाली चुनौतियों का  पहले ही आकलन कर लेता है।  प्रतिरोध क्षमता विकसित होने की समस्या का 4 -5  साल पहले ही पता लगा लिया था। श्री सुशील पाटीदार , मंदसौर ने पूछा कि प्याज़ फसल में मोथा घास की समस्या है , क्या इसमें सेंचुरियन का उपयोग किया जा सकता है ? श्री नागर ने कहा कि सेंचुरियन का लेवल क्लेम नहीं होने से हम इसकी सिफारिश नहीं कर सकते हैं। लेकिन यूपीएल का अज्या नामक एक अन्य  खरपतवारनाशी है , जो प्याज़ फसल के खरपतवारों के लिए सटीक उत्पाद है। श्री अभय जाट ( खरगोन ) ने पूछा कि सेंचुरियन को किसी अन्य कीटनाशक के साथ प्रयोग कर सकते हैं क्या ? श्री जगदाले ने इसका अन्य के साथ उपयोग नहीं करने के साथ अकेले ही उपयोग करने की सलाह दी। श्री करण पटेल , हरदा ने पूछा कि सोयाबीन फसल में फूल / फली की अवस्था में सेंचुरियन डाल सकते हैं क्या ? इन्हें जवाब दिया गया कि 6 -7  पत्ती की अवस्था तक सेंचुरियन डाल सकते हैं। इस अवस्था में सोयाबीन को कोई नुकसान नहीं होगा। गर्मी के मूंग में संकरी पत्ती के खरपतवारों में असर कम होने की शिकायत पर श्री नागर ने कहा कि बढ़ा तापक्रम भी असर करता है। भूमि में नमी भी होना चाहिए। सेंचुरियन का सुबह या शाम स्प्रे करें।  इस समय तापक्रम कम रहेगा तो यह शिकायत नहीं आएगी। श्री विनोद चौहान ( खरगोन ) ने  सोयाबीन फसल में संकरी पत्ती वाले खरपतवारों पर ड्रोन तकनीक से छिड़काव करने पर दवाई की कितनी मात्रा लेनी चाहिए  ? श्री जगदाले ने कहा कि बेशक ड्रोन का उपयोग बढ़ रहा है , लेकिन  ड्रोन के लिए कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है , इसलिए ड्रोन से  खरपतवारनाशक के छिड़काव की अनुशंसा नहीं की जा सकती है। कट नोज़ल स्प्रेयर से स्प्रे करें।  खेत में समान रूप से छिड़काव होगा। श्री नागर ने कहा  कि सही उत्पाद चुनें , सही समय पर , सही उपकरण का उपयोग कर स्वयं की निगरानी में स्प्रे करवाएं। बूम रॉड  का इस्तेमाल करें। इसके अलावा सोशल मीडिया से सेंचुरियन के डबल प्रयोग, बायोलॉजिकल कंट्रोल की विधि ,लूणकी खरपतवार आदि से संबंधित सवाल पूछे गए , जिनका वक्ताओं द्वारा समाधानकारक जवाब दिया गया।

कृषि ज्ञान प्रतियोगिता –  इसमें दो सवाल पूछे गए पहला यह कि सेंचुरियन से कौन से दो ज़िद्दी खरपतवारों पर नियंत्रण होता है और उनकी मात्रा कितनी है ? इसका सटीक जवाब खरगोन के श्री विनोद चौहान  ने दिया – सेंचुरियन पांच प्रकार की घास सांवा ,खरिया, फुलेरा,सितारा , मकड़ा और दुब घास पर नियंत्रण करता है और इसकी निर्धारित मात्रा 200  मिली /एकड़ बताई। दूसरे सवाल सेंचुरियन कौनसे खरपतवारों पर काम नहीं करेगा और इनके उपयोग की सही अवस्था क्या है ? का सटीक जवाब श्री लेखराज गुर्जर , खातेगांव ने दिया  कि सेंचुरियन चौड़ी पत्ती वाले  खरपतवारों पर काम नहीं करता है। 3 -5  पत्ती वाले खरपतवार की अवस्था में इसके अच्छे नतीजे मिलते हैं। इन दोनों को विजेता घोषित किया गया। अन्य प्रतियोगी श्री सुशील पाटीदार , मंदसौर और श्री करण पटेल , हरदा के जवाब भी संतोषजनक थे। इन सभी को यूपीएल की ओर से एक एकड़ का सेंचुरियन उत्पाद देने की घोषणा की गई।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements