राज्य कृषि समाचार (State News)

सोयाबीन, मक्का और अरहर में फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप, किसान प्रबंधन के लिए अपनाएं ये वैज्ञानिक उपाय  

11 सितम्बर 2025, भोपाल: सोयाबीन, मक्का और अरहर में फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप, किसान प्रबंधन के लिए अपनाएं ये वैज्ञानिक उपाय – मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र बैतूल बाजार के पौध संरक्षण वैज्ञानिकों ने खरीफ फसलों का निरीक्षण किया है। सोयाबीन में अब हरि अर्धकुण्डलक इल्ली, तम्बाकू की इल्ली और तना मक्खी जैसे कीटों का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है, इसलिए ये कीट अब चिंता का विषय नहीं हैं। लेकिन फफूंदजन्य रोग जैसे पर्णचित्ती, जड़ सड़न और तना सड़न की शुरुआत हो चुकी है, जो आने वाले समय में फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इन रोगों से बचाव के लिए टेबूकोनाजोल सल्फर 2.5 ग्राम या पायरोक्लस्ट्रोबिन + फ्लक्सापायरोक्जाइड 0.75 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करना जरूरी है।

मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म के कारण पत्तियों में छिद्र और तने के अंदर सुरंगें बन रही हैं। इसके साथ ही जीवाणुजन्य रोग बेक्टीरियल स्टॉक रॉट और फफूंदजन्य शीथ ब्लाइट का भी प्रकोप दिखाई दे रहा है। नाइट्रोजन युक्त उर्वरक के अधिक और असंतुलित इस्तेमाल से ये कीट और रोग तेजी से फैलते हैं। इसलिए नाइट्रोजन उर्वरक का उपयोग फिलहाल रोक देना चाहिए और संक्रमित पौधों को खेत से हटा देना चाहिए। फॉल आर्मी वर्म के नियंत्रण के लिए इमामेक्टीन बेंजोएट 0.5 ग्राम या फ्लूवेंडामाइड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी से छिड़काव करें। बेक्टीरियल स्टॉक रॉट के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 2 ग्राम, स्ट्रेप्टोसाइक्लीन 0.2 ग्राम या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड एग्रीमायसीन 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी से छिड़काव करना फायदेमंद होगा।

अरहर की फसल में फफूंदजन्य झुलसा रोग का भी शुरुआती चरण में प्रकोप है। इस रोग में स्वस्थ पौधे अचानक मुरझा जाते हैं और तने पर काले धब्बे दिखते हैं। इसका प्रभावी इलाज कॉपर ऑक्सीक्लोराइड के 2 ग्राम प्रति लीटर पानी से छिड़काव करना है।

कीट और रोग प्रबंधन के मुख्य उपाय

सोयाबीन: फफूंदजन्य रोगों के लिए टेबूकोनाजोल सल्फर या पायरोक्लस्ट्रोबिन + फ्लक्सापायरोक्जाइड का छिड़काव करें।

मक्का: फॉल आर्मी वर्म के लिए इमामेक्टीन बेंजोएट या फ्लूवेंडामाइड का प्रयोग करें। रोगी पौधों को खेत से निकालें और नाइट्रोजन उर्वरक का प्रयोग रोकें। बेक्टीरियल स्टॉक रॉट के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और स्ट्रेप्टोसाइक्लीन का छिड़काव करें।

अरहर: झुलसा रोग के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव आवश्यक है। 

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