राज्य कृषि समाचार (State News)

सोयाबीन के जल भराव वाले खेतों में रोगों का आक्रमण

सोयाबीन के जल भराव वाले खेतों में रोगों का आक्रमण – बैतूल कृषि विज्ञान केन्द्र, बैतूल के पौध संरक्षण वैज्ञानिक आर.डी. बारपेटे, विस्तार वैज्ञानिक डॉ. संजीव वर्मा एवं उद्यान वैज्ञानिक श्रीमती रिया ठाकुर द्वारा क्षेत्र में में सोयाबीन ए मक्का फसलों का निरीक्षण किया। सोयाबीन फसल में जल भराव वाले खेतों में जड़ एवं तना सड़न रोग एवं सामान्य खेतों में पर्णचित्ती धब्बों वाले रोगों का आक्रमण आरंभिक अवस्था में है। सोयाबीन में अत्यंत अल्प मात्रा में विषाणुजन्य मोजेक रोग भी देखा गया है। सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली एवं हरी अर्धकुण्डलक इल्ली भी कम मात्रा में देखी जा रही है। मक्का फसल में फफूंदजन्य शीथ झुलसा रोग आरंभिक अवस्था में है।

महत्वपूर्ण खबर : राजस्थान : कृषि निर्यात को अधिक बढ़ावा देना चाहिए

सोयाबीन एवं मक्का के ये रोग आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ेंगे। अतः प्रबंधन प्राथमिकता के आधार पर –

  • जलभराव खेतों में उत्तम जल निकास करें।
  • सोयाबीन में मोजेकग्रस्त पौधों को उखाड़कर नष्ट करें। विभिन्न इल्लियांे एवं फफूंदजन्य धब्बा रोग के प्रबंधन हेतु लेम्डासायहेलोथ्रिन $ थायोमिथाक्जाम 150 ग्राम/हे. या बीटासायफ्लूथ्रिन $ इमीडाक्लोप्रिड 350 ग्राम/हे. के साथ टेब्यूकोनेजोल $ सल्फर 1000 ग्राम/हे. या पायरोक्लोस्ट्रोबिन 500 ग्राम/हे. का छिड़काव अविलंब करें। इन दवाइयों के साथ किसी भी तरह के पोषक तत्वों का सममिश्रण न करें।
  • मक्का के खेतों में शीथ ब्लाइट (इस रोग में पत्तियां एवं पर्णवृंत अचानक सूखने लगते हैं एवं सूखे हुए हिस्से में साबुदाना जैसी सफेद संरचनाएं दिखाई देती हैं।) से ग्रस्त पौधों को निकालकर नष्ट करें एवं कार्बनडेजिम $ मंेकोजेब 1000 ग्राम/हे. का छिड़काव करें।
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *