राज्य कृषि समाचार (State News)

खरीफ फसलों का जायजा लेने हेतु डायग्नोस्टिक टीम ने किया  भ्रमण

16 अगस्त 2025, झाबुआ: खरीफ फसलों का जायजा लेने हेतु डायग्नोस्टिक टीम ने किया  भ्रमण – गत दिनों  उप संचालक कृषि विकास झाबुआ श्री एन.एस. रावत स्वयं जिला स्तरीय डायग्नोस्टिक टीम के साथ विकासखण्ड झाबुआ के ग्राम सजवानी छोटी विकासखण्ड रामा के ग्राम रजला गुलाबपुरा विकासखंड राणापुर के ग्राम मोहनपुरा भूरका, ढोल्यावाड, सारसवाट, भोडली, भूतखेडी, मोरडुडिया, अंधारवाड एवं टिकडीजोगी का भ्रमण कर खरीफ फसलें यथा मक्का, सोयाबीन, कपास, तुवर, मूंगफली, मुंग इत्यादि का अवलोकन किया गया। फसल अवलोकन के दौरान  फसलें संतोषजनक स्थिति में  देखी गई।

क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्राम  भूतखेड़ी  एवं  टिकड़ीजोगी के कृषक श्री मोहन पिता मानिया, केकडिया पिता थावरिया के खेत में विभागीय योजनान्तर्गत प्रदाय मिनीकिट अरहर पुसा-16 का भी अवलोकन किया गया। ग्राम भुतखेडी के ही कृषक श्री गोविन्द मडिया के खेत में आंशिक रूप से मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म का प्रकोप दिखाई देने पर मौके पर ही उपस्थित कृषक को  कीट  नियंत्रण हेतु अनुशंसित   कीटनाशक का  छिड़काव  करने की सलाह दी गई। फील्ड भ्रमण के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के वैज्ञानिक डॉ. वी. के. सिंह, अनुविभागीय कृषि अधिकारी झाबुआ श्री एल.एस. चारेल, कार्यालयीन सहायक संचालक कृषि एस.एस. रावत, विकासखण्ड राणापुर के प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अमर सिंह खपेड मैदानी  अमले  के साथ उपस्थित रहे। उप संचालक कृषि श्री रावत द्वारा फसलों में कीट व्याधियों के प्रकोप होने पर  कीट  नियंत्रण हेतु  कृषकों को ये उपाय करने की सलाह दी गई।

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किसानों से कहा गया कि  खेत फसलों  की नियमित देखरेख करे। दलहनी व तिलहनी फसलों में पीला मौजेक का प्रकोप होने पर ग्रसित पौधे को खेत से निकालकर नष्ट कर  दें  तथा अधिक प्रकोप होने पर थायोमिथोक्सम/एसिटामिप्रिड/इमिडाक्लोप्रीड 10 मि.ली. प्रति स्प्रेयर पंप के मान से उचिम घोल बनाकर छिड़काव करे। मक्का फसल में फॉल आर्मिवर्म के प्रकोप होने पर अनुशंषित कीटनाशक ईमामेक्टिन बेन्जोएट या थायोमिथोक्सम लैम्बडासायहेलोथ्रिन का उचित घोल बनाकर छिड़काव करे। कपास फसल में रस चूसक  कीट एफिड का प्रकोप होने पर एसीटामेप्रिड दवा का 10 मि.ली. प्रति स्प्रेयर पंप के मान से उचिम घोल बनाकर छिड़काव करे। तम्बाकू की इल्ली/पत्ते खाने वाली इल्ली/ रस चुषक के प्रकोप होने पर नियंत्रण हेतु थायोमिथोक्सम+लैम्बडासायहेलोथ्रिन या बीटासायफ्लूथ्रीन +इमिडाक्लोप्रीड का छिड़काव  करें ।

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