राज्य कृषि समाचार (State News)

कृषि वैज्ञानिक एवं अधिकारियों ने किसानो को आवश्यक तकनीकी सलाह दी

27 अगस्त 2020, होशंगाबाद। कृषि वैज्ञानिक एवं अधिकारी उतरे खेतों में किसानो से चर्चा कर आवश्यक तकनीकी सलाह दी – जिला स्तरीय फसल निगरानी (डायग्नोस्टिक टीम) द्वारा जिले के तहसील डोलरिया एवं सिवनीमालवा के ग्राम रतवाड़ा, बघवाड़ा, चौतलाय, गुंडीखरार, आगराखुर्द, झिल्लाय, कोटलाखेड़ी, खपरिया, बीलखेड़ा, रमपुरा, तोरनिया, रूपादेह, मुड़ियाखेड़ी, जमुनिया, जाटगुराड़िया आदि ग्रामो में फसलो का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल द्वारा किसानो से चर्चा कर उन्हें आवश्यक तकनीकि सलाह दी गई। निरीक्षण दल में जोनल कृषि अनुसंधान केन्द्र पवारखेड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.अरूण चौधरी, डॉ.केके मिश्रा, डॉ.धनंजय कटहल, उप संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह, उपेन्द्र शुक्ला, सहायक संचालक योगेन्द्र बेड़ा, अनुविभागीय कृषि अधिकारी राजीव यादव, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी संजय पाठक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एचएस सराठे उपस्थित रहे।

अगली खबर यहाँ पढ़ें : अब कोई भी व्यक्ति प्रायवेट मंडी खोल सकेगा

Advertisement
Advertisement

कृषि वैज्ञानिको द्वारा सोयाबीन में कही-कहीं रायजोक्टोनिया जड़ सड़न रोग, पीला मौजेक तथा सोयाबीन के कुछ खेतो में तना मक्खी (स्टेम फ्लाई) का प्रकोप देखा गया। फसलो को कीट व रोग व्याधि से बचाने हेतु सोयाबीन फसल में रायजोक्टोनिया जड़सड़न नामक बीमारी जिसमें सोयाबीन के पौधे पेंच अर्थात खेत के छोटे-छोटे हिस्सो में सोयाबीन के पौधे पीले पड़कर सूखने लगते हैं व पौधो को उखाड़ने पर स्पष्ट समझ में आता है कि जड़े सड़ गई हैं। उन्होंने किसान भाईयो को इसके नियंत्रण हेतु 2.5 ग्राम कार्बेडाजिम नामक दवा का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर प्रभावित पौधो के पेंच के चारो ओर ड्रेंच करने अर्थात घोल को स्प्रेयर का नोजल खोलकर भूमि पर डालने साथ ही जल निकास की उचित व्यवस्था करने की सलाह दी।

डाक्टर अरूण चौधरी ने बताया कि फसल निरीक्षण के दौरान सोयाबीन की फसलो में कुछ स्थानो पर तना मक्खी का प्रकोप दिखाई दे रहा है, प्रकोपित पौधो को चीरकर देखने पर लार्वा दिखाई पड़ता है, प्रकोप बढ़ने पर पौधा पीला पड़ने लगता है और सूखने लगता है, इसके नियंत्रण हेतु किसान भाई लेम्ब्डासायहेलोथ्रिन प्लस थायोमेथाक्जॉम के काम्बिनेशन का 125 एमएल प्रति हेक्टेयर या क्लोरएन्ट्रानिलिपोल 18.5 एससी 125 एमएल प्रति हेक्टेयर दवा का छिड़ाकव करे। कुछ खेतो में पीला मोजेक का प्रभाव देखा गया है जिसमें सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु लेम्डासायहेलोथ्रिन प्लस थायोमेथाक्जॉम के कॉम्बिनेशन का 125 एमएल प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में छिड़काव करे।

Advertisement8
Advertisement

उप संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह ने बताया है कि जिले में लगातार कृषि वैज्ञानिको एवं अधिकारियो की डायग्नोस्टिक टीम द्वारा  फील्ड विजिट कर किसानो को आवश्यक तकनीकी सलाह दी जा रही है। साथ ही सभी मैदानी अमले को भी निर्देशित किया गया है कि वे लगातार फील्ड विजिट कर अपने स्तर से किसानो को आवश्यक तकनीकी सलाह दें।

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement