राज्य कृषि समाचार (State News)

400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा

29 जुलाई 2024, भोपाल: 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा –
दलहन और तिलहन मिशन

दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार इन फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणनन को मजबूत बनाएगी। संसद में केन्द्रीय बजट पेश करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बताया कि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों में ‘आत्मनिर्भरताÓ हासिल करने के लिए एक कार्यनीति बनाई जा रही है, अंतरिम बजट में घोषणा की गई थी।
सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक सब्जी उत्पादन केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार उपज के संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देगी।
झींगा उत्पादन और निर्यात

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि झींगा ब्रूड-स्टॉक्स न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि झींगा पालन, उनके प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

केन्द्रीय बजट में घोषित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से कृषि क्षेत्र में उत्पादन और लचीलापन पहली प्राथमिकता है। उन्होंने ‘अन्नदाताÓ (किसान) को 4 प्रमुख जातियों में से एक बताया और कहा कि इन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रमुख फसलों के लिए एक महीने पहले उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की है। यह लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के वायदे के अनुरूप है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच के लिए बढ़ा दिया गया है जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिल रहा है।
कृषि अनुसंधान में बदलाव

केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और फसलों की जलवायु-सहनीय किस्मों के विकास के लिए सरकार कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। ‘केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारी और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ इन अनुसंधानों के संचालन की देखरेख करेंगे। बजट में 32 कृषि एवं बागवानी फसलों की उच्च-उपज वाली 109 नई किस्में जारी करने की घोषणा की।
प्राकृतिक खेती

वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी, जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
राष्ट्रीय सहकारिता नीति

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति पेश करेगी। उन्होंने कहा कि इस नीति का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन करना है।

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