कृषि वैज्ञानिक की सलाह अनुसार करें फसलों पर दवाई का छिड़काव
07 दिसम्बर 2022, मंदसौर: कृषि वैज्ञानिक की सलाह अनुसार करें फसलों पर दवाई का छिड़काव – कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि कृषि वैज्ञानिक की सलाह अनुसार ही फसलों पर दवाई का छिड़काव करें। इन दिनों गेहूं की फसल की जड़ों में पीले रंग का मोयला/माहो लगा हुआ है, यह कीट पौधों की जड़ों एवं तनों से रस चूस कर कमजोर कर देता है। परिणामस्वरूप पौधा पीला दिखाई देता है तथा बढ़वार रूक जाती है। इस कीट को नियंत्रित करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. की 75 मि.ली. मात्रा को 100 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति बीघा की दर से छिड़काव करें। सिंचाई जल के साथ नीम तेल की 750 मि.ली. मात्रा फसल बुवाई के 21 दिनों के उपरांत 1250 मि.ली. क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी की 10-12 किलो रेत में मिलाकर प्रतिबीघा की दर से भूरकाव कर हल्की सिंचाई करें।
संतरा में काली मस्सीः- संतरे के पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर काले रंग की मक्खी एवं उसके बच्चे रस चूसते हैं। जिसके कारण पौधा कमजोर हो जाता है एवं इस कीट के द्वारा चिपचिपा पदार्थ छोड़ा जाता है। जिस पर काली फफूंद उग जाती है।परिणामस्वरूप पूरा पौधा काला पड़ जाता है।
नियंत्रण – रस चूसकर कीट को नियंत्रित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8प्रतिशत एसएल की 175मि.ली. मात्रा या थाईमिथोक्जाम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी की 166 ग्राम मात्रा को 500लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। संतरे की फसल में छिड़काव करने से पहले 500 लीटर पानी में 250 मिली चिपको अवश्य मिलायें।
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