भारत बनेगा एग्रोकेमिकल्स का हब? CCFI ने सरकार को दी ये सलाह!
कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए 100 जिलों पर फोकस करना एक दूरदर्शी कदम: दीपक शाह
03 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: भारत बनेगा एग्रोकेमिकल्स का हब? CCFI ने सरकार को दी ये सलाह! – वित्त मंत्री ने अपने बजट में 10 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनमें ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए विनिर्माण, किसानों के हित में कृषि, रोज़गार के नए अवसर सृजित करने पर ज़ोर, MSMEs और ग्रामीण विकास के साथ नवाचार को प्रोत्साहित करना शामिल है, जिससे आम जनता के जीवन स्तर में सुधार हो सके।

क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (CCFI) के चेयरमैन दीपक शाह ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, “फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि एग्रो केमिकल्स को लेकर कोई ठोस प्रस्ताव रखा गया है या नहीं, लेकिन पीएम किसान योजना और पीएम आवास योजना जैसी सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं ग्रामीण जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होंगी। सरकार द्वारा मुफ्त राशन योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय ग्रामीण गरीबों के लिए बचत का अवसर प्रदान करेगा।”
इसके अलावा, PPP मॉडल के तहत नए निवेश को प्रोत्साहित करने से शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। हालांकि, एग्रो केमिकल्स के लिए बहुप्रतीक्षित PLI योजना (₹12,500 करोड़ के संभावित निवेश वाली) की घोषणा नहीं की गई, जो भारतीय निर्माताओं के लिए बड़ा बदलाव ला सकती थी।
कस्टम टैरिफ में किसी भी बदलाव के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तकनीकी ग्रेड के आयात की तुलना में तैयार फॉर्मूलेशन के आयात पर 10% अधिक शुल्क लगाया जाए। इससे अनावश्यक आयात को कम किया जा सकेगा और घरेलू विनिर्माताओं को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भारत अगले दो वर्षों में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन सकेगा। CCFI लगातार ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की ओर बढ़ने की वकालत कर रहा है।
उन्नत देशों की तुलना में भारत में कृषि उत्पादकता अब भी एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में सरकार द्वारा 100 ज़िलों को पहले चरण में शामिल करने का निर्णय कृषिउत्पादकता बढ़ाने के लिए एक ठोस कदम साबित हो सकता है। इससे उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य कृषि इनपुट्स का सही और संतुलित उपयोग बढ़ेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड और MSMEs को राहत
एक और बड़ा फ़ैसला किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करना है, जिससे किसानों, मछुआरों आदि को अधिक वित्तीय सहयोग मिलेगा। इसी तरह, MSMEs को निर्यात के लिए ₹20 करोड़ तक का टर्म लोन मिलेगा, जबकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए ₹10 से ₹20 करोड़ तक की क्रेडिट गारंटी की सुविधा दी जाएगी।
भले ही वैश्विक स्तर पर मंदी का असर हो, फिर भी भारतीय एग्रोकेमिकल्स का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। CCFI सरकार से मांग करता है कि अनावश्यक आयात पर अंकुश लगाने के लिए कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी की जाए।
कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों को कुल ₹1,71,437 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जो रक्षा, ग्रामीण विकास और गृह मंत्रालय के बाद चौथा सबसे बड़ा बजट है।
“खरीफ फसलों के लिए अच्छे अनुमान के चलते हम इस साल भी एक और शानदार कृषि वर्ष की उम्मीद कर सकते हैं,” दीपक शाह ने कहा।
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