राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि विज्ञान केंद्रों में होगा बड़ा बदलाव, आधुनिक सुविधाओं से होंगे लैस

19 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: कृषि विज्ञान केंद्रों में होगा बड़ा बदलाव, आधुनिक सुविधाओं से होंगे लैस – देशभर में किसानों को अत्याधुनिक तकनीकों और सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर दिया जा रहा है। सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में इस दिशा में 7730.76 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया था। इस निवेश का उद्देश्य केवीके को प्रशासनिक भवन, किसान छात्रावास, प्रदर्शन इकाइयों और फार्म विकास कार्यों जैसे आधुनिक बुनियादी सुविधाओं से लैस करना है।

कृषि विज्ञान केंद्र जिला स्तर पर किसानों के लिए तकनीकी जानकारी और समाधान का प्रमुख स्रोत हैं। इन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने एक मजबूत निगरानी और समीक्षा तंत्र विकसित किया है। इस तंत्र में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, विश्वविद्यालय और जिला स्तर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों के साथ-साथ केवीके की वैज्ञानिक सलाहकार समितियां शामिल हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हुई समीक्षा

केवीके के प्रदर्शन और कार्यप्रणाली का समय-समय पर मूल्यांकन किया गया है। वर्ष 2019 और 2020 में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान और इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स द्वारा किए गए अध्ययनों से यह पता चला कि केवीके ने किसानों की प्रति हेक्टेयर शुद्ध आय में 5752 रुपये की वृद्धि की। इसके अलावा, केवीके पर किए गए व्यय पर लागत-लाभ अनुपात 1:11.78 पाया गया। एक प्रशिक्षित किसान ने औसतन 30 अन्य किसानों तक नई तकनीकों का प्रसार किया।

बढ़ रहा है केवीके का प्रभाव

केवीके ने पिछले तीन वर्षों में 1.32 लाख प्रौद्योगिकी मूल्यांकन परीक्षण और 8.69 लाख प्रदर्शन आयोजित किए हैं। इनमें फसलों, पशुधन, मत्स्य पालन, कृषि मशीनरी और अन्य उद्यमों से संबंधित नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। आईसीएआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को केवीके किसानों के खेतों में ले जाकर उनकी स्थान-विशिष्टता का परीक्षण करता है।

संख्या में भी हो रही वृद्धि

देशभर में केवीके की संख्या बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में राज्य सरकार के तहत 38, आईसीएआर के तहत 66, गैर सरकारी संगठनों के तहत 101 और कृषि विश्वविद्यालयों के तहत 509 केवीके कार्यरत हैं। इन केंद्रों को किसानों तक आधुनिक तकनीक पहुंचाने का जरिया माना जाता है।

यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements