बंपर पैदावार करने के लिए दो बीजों को किया विकसित
25 नवंबर 2024, नई दिल्ली: बंपर पैदावार करने के लिए दो बीजों को किया विकसित – देश के किसान कई बार मेहनत करने के बाद भी बंपर पैदावार नहीं कर पाते है और इसके पीछे जो मुख्य कारण रहता है वह उन्नत किस्म के बीज नहीं मिलना होता है लेकिन अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेज रिसर्च ने दो ऐसे किस्मों के बीजों को विकसित किया है जिनका उपयोग किसान कर बंपर उत्पादन कर सकते है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में, मक्का के 25 एकल क्रॉस संकर विकसित किए गए हैं और आईआईएमआर से सीवीआरसी के माध्यम से जारी किए। इनके नाम डीएमआरएच 1308 और डीएमआरएच 1301 हैं। आईआईएमआर इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए “इथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि” नाम से प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, इसलिए वो चाहता है कि किसान ऐसी किस्मों के मक्के की खेती करें जिसमें पैदावार ज्यादा हो और मक्के के माध्यम से किसान उर्जादाता बनें। संकर डीएमआरएच 1308 को बिहार, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में रबी मौसम में खेती के लिए रिक्मेंड किया गया है। यह रबी सीजन में 130 से 150 दिनों में पककर तैयार होने वाली एक उच्च उपज देने वाला संकर मक्का है, जिसमें आकर्षक पीले दाने का रंग, टर्किकम लीफ ब्लाइट और चारकोल रॉट रोगों के लिए मध्यम प्रतिरोध है। पिछले चार वर्षों में, डीएमआरएच 1308 देश की डीएसी मक्का प्रजनक बीज मांग में 20.1% (2021), 26.1% (2022), 34.9% (2023) और 21.4% (2024) हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर रहा। संकर डीएमआरएच 1308 को संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके 10 विभिन्न निजी बीज कंपनियों ने लिया है। यह संकर किसानों के खेतों में 7.0 से 10.5 टन/हेक्टेयर उपज दे रहा है यानी 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक पैदावार है। बीज श्रृंखला में आपूर्ति किए गए बीज के लिए न्यूनतम गणना मापदंडों पर विचार करके, अब तक डीएमआरएच 1308 ने लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि को कवर किया है। इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों में, राज्य बीज निगमों, एफपीओ, सहकारी समितियों और एसएमई के साथ भागीदारी मोड में डीएमआरएच 1308 के लिए 17394 क्विंटल संकर बीज का उत्पादन और आपूर्ति भी की गई।
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