ड्रोन के साथ कीटनाशक छिड़काव के लिए एसओपी जारी
“मिलेट्स उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी” नामक बुक का विमोचन
21 अप्रैल 2023, नई दिल्ली: ड्रोन के साथ कीटनाशक छिड़काव के लिए एसओपी जारी – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज किसानों और अन्य हितधारकों के मार्गदर्शन के लिए सार्वजनिक डोमेन में फसल विशिष्ट “ड्रोन के साथ कीटनाशकों के अनुप्रयोग के लिए मानक प्रचालन प्रक्रियाएं (एसओपी)” जारी की। श्री तोमर ने “मिलेट उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी” नामक एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि कृषि हमारी प्रधानता है, इसलिए चाहे रिसर्च का काम हो या योजनाएं सृजन का, सरकार की पहली प्राथमिकता कृषि को बढ़ावा देने व किसानों की माली हालत में सुधार की रहती है। आज कृषि क्षेत्र में अनेक चुनौतियां है। किसानों को खेती में रोकना, नई पीढ़ी को भी आकर्षित करना व उत्पादन लागत कम करते किसानों का मुनाफा बढ़ाना है। इनके लिए कृषि क्षेत्र में तकनीक का समर्थन बहुत जरूरी है, सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नित-नई चुनौतियों की संभावनाएं रहती है, इसलिए समय-समय पर सोच में बदलाव के साथ ही विधाओं का परिवर्तन जरूरी है। प्राकृतिक खेती जैसे विषयों को आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारे देश ने नैनो यूरिया बनाया, नैनो डीएपी आने वाला है। ड्रोन टेक्नालॉजी को सरकार ने कृषि क्षेत्र में स्वीकार किया है। कृषि में लागत कम करने व कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से शरीर को बचाने में किसान ड्रोन द्वारा व्यापक लाभ मिलेगा।
श्री तोमर ने कहा कि जब भी हम कोई नया काम करते हैं तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंतिम व्यक्ति तक मदद अवश्य पहुंचे। यही कारण है कि जब ड्रोन की स्कीम बन रही थी, तब सामान्य किसान, सामान्य ग्रेजुएट को भी इसमें जोड़ा गया, ताकि ड्रोन का उपयोग छोटे किसानों तक सुलभ हो सकें। उन्होंने कहा कि स्नातक-स्नातकोत्तर कृषि विद्यार्थियों के लिए जागरूकता-सत्र कृषि विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों में आयोजित किए जाने चाहिए, जिनसे इन्हें रोजगार का सीधा साधन मुहैया हो सकेगा, वहीं उनकी अपनी भूमि होने पर वे खेती के लिए भी समर्थ होंगे। आम व्यक्ति तक ड्रोन का लाभ पहुंचे, इसकी योजना बनाना चाहिए।
कार्यक्रम में कृषि सचिव श्री मनोज अहूजा, आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री अभिलक्ष लिखी, संयुक्त सचिव श्रीमती शुभा ठाकुर, श्रीमती एस. रूक्मणि व सुश्री विजयलक्ष्मी, कृषि आयुक्त श्री पी.के. सिंह, उपायुक्त (मशीनीकरण व प्रौद्योगिकी) श्री सी.आर. लोही व श्री ए.एन. मेश्राम, ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया, आईसीएआर, एसएयू व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी-वैज्ञानिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारी, एफएमटीटीआई के निदेशक व किसान शामिल हुए।
ड्रोन के लिए अनुदान – किसानों के खेतों में ड्रोन प्रदर्शन हेतु आईसीएआर संस्थान, केवीके, एसएयू, राज्य-केंद्र सरकार के अन्य कृषि संस्थानों व भारत सरकार के पीएसयू को कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन के तहत आकस्मिक व्यय के साथ ड्रोन लागत की 100% दर पर वित्तीय सहायता (प्रति ड्रोन 10 लाख रुपये तक) दी जाती है। सीएचसी स्थापित करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन की लागत के 50% की दर से अधिकतम 5 लाख रु. तक की वित्तीय सहायता हेतु पात्र हैं। व्यक्तिगत छोटे व सीमांत किसानों, एससी-एसटी के किसानों, महिला किसानों, पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को भी ड्रोन की लागत की 50% दर से अधिकतम 5 लाख रु. व अन्य किसानों को ड्रोन की लागत की 40% दर से अधिकतम 4 लाख रु. तक की सहायता दी जाती है।
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