National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

गेहूं उत्पादन पर मंडराया गर्मी का साया

Share
सरकार ने निगरानी के लिए बनाई कमेटी

23 फरवरी 2023, नई दिल्ली: गेहूं उत्पादन पर मंडराया गर्मी का साया – अचानक तापमान में बढ़ोतरी से  गेहूं किसान चिंतित हो गए हैं. वहीं, सरकार की भी परेशानी बढ़ गई है. किसानों को डर सता रहा है कि कहीं पिछले साल की तरह इस बार भी गर्मी की वजह से रबी की फसल प्रभावित न हो जाए. जबकि, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तापमान में वृद्धि इसी तरह जारी रही तो गेहूं की पैदावार में कमी आ सकती है. साथ ही उसकी क्वालिटी पर भी असर पड़ सकता है | इसी बीच सरकार ने गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है. यह कदम राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएफसी) के इस अनुमान के बीच आया है कि मध्य प्रदेश को छोड़कर प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान पिछले सात वर्षों के औसत से अधिक था. यहां तक कि मौसम विभाग ने भी गुजरात, जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान जताया है |

गेहूं फसल पर बढ़ते तापमान का असर

केन्द्रीय कृषि सचिव श्री  मनोज आहूजा ने कहा, गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि से पैदा होने वाली स्थितियों की निगरानी के लिए समिति का गठन किया है. उन्होंने कहा कि समिति सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए किसानों को परामर्श जारी करेगी.   उन्होंने कहा कि कृषि आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति में करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान संस्थान के सदस्य और प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि भी होंगे.
हालांकि, सचिव ने कहा कि जल्दी बोई जाने वाली किस्मों पर तापमान में वृद्धि का असर नहीं होगा और यहां तक कि गर्मी प्रतिरोधी किस्मों को भी इस बार बड़े क्षेत्रों में बोया गया है. फसल वर्ष 2022-23  में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन रहने का अनुमान है. कुछ राज्यों में लू की स्थिति के कारण पिछले वर्ष गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया था. गेहूं एक प्रमुख रबी फसल है, जिसकी कटाई कुछ राज्यों में शुरू हो गई है |

बढ़ते तापमान के असर का अध्ययन करने के लिए सरकार ने बनाया पैनल

“सरकार ने उच्च तापमान के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है, भारत के कृषि आयुक्त समिति के प्रमुख होंगे और देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के अधिकारी और सरकारी वैज्ञानिक भी पैनल में रहेंगे। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने  कहा कि बीते सप्ताह कुछ राज्यों में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 9 डिग्री सेल्सियस तक अधिक है।

देश के कई हिस्सों में  अधिक तापमान रहने का अनुमान

दिन के इस उच्च तापमान से प्रजनन वृद्धि अवधि के करीब आने वाले गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है ये तापमान वृद्धि के प्रति संवेदनशील होते हैं। आईएमडी के अनुसार गेहूं के पौधे में फूल लगने के समय  और परिपक्व अवधि के दौरान उच्च तापमान से उपज में कमी आने की आशंका रहती है। 

महत्वपूर्ण खबर: गेहूँ मंडी रेट (20 फरवरी 2023 के अनुसार) 

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *