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जीएसटी से राज्यों को हो रही राजस्व हानि, भरपाई की जल्द हो स्थायी व्यवस्था : मुख्यमंत्री श्री बघेल

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29 मई 2023, रायपुर/ नई दिल्ली । जीएसटी से राज्यों को हो रही राजस्व हानि, भरपाई की जल्द हो स्थायी व्यवस्था : मुख्यमंत्री श्री बघेल – नई दिल्ली में आयोजित प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है। छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों के राजस्व हानि की भरपाई की कोई स्थायी व्यवस्था अतिशीघ्र की जाये। मुख्यमंत्री ने कहा केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा कम प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने 2659 करोड़ की राशि इस वित्तीय वर्ष में राज्य को उपलब्ध कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने बैठक से इस दौरान संबंधित एजेंडा बिन्दुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी।

बैठक के एजेंडे पर बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2047 का विकसित भारत, टीम इंडिया की भूमिका पर कहा देश की एकता और अखंडता अक्षुण्ण बनाए रखने में राज्यों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों का सम्मान करे और उसके हिस्से के संसाधनों को भी हस्तांतरित करने की प्रणाली को और मजबूत बनाए। मुख्यमंत्री ने एमएसएमई पर ज़ोर देते हुए कहा कि राज्य में ग्रामीण एवं कुटीर क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र के संसाधनों को स्थानीय स्तर पर उपयोग किए जाने के उद्देश्य से ग्रामीण एवं कुटीर औद्योगिक नीति 2023-24 की घोषणा की गयी है।

उन्होंने कहा एनएमडीसी द्वारा राज्य में स्थित इकाइयों को 25-30 प्रतिशत आयरन ओर ही उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने समुचित आयरन ओर राज्य की इकाइयों के लिए उपलब्ध कराने का आग्रह किया। श्री बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ के एमएसएमई उद्योगों को एसईसीएल से विगत 2-3 वर्षों से राज्य की आवश्यकता अनुरूप कोल नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने इस विषय पर कार्यवाही कर छत्तीसगढ़ का हित सुरक्षित करने का आग्रह किया।

उन्होंने बताया आदिवासी अंचल बस्तर में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए विगत चार वर्षों में लगभग 9 हजार करोड़ रूपए पूंजी निवेश हेतु एमओयू किए गए हैं। इनमें से इस्पात उद्योगों के लिए प्रतिवर्ष 3 मिलियन टन आयरन ओर की आवश्यकता होगी। उन्होंने अनुरोध किया कि इन इस्पात संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुरूप आयरन ओर आरक्षित रखा जाए तथा प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाए। साथ ही विशेष प्रोत्साहन अंतर्गत एनएमडीसी द्वारा आयरन ओर की दर में भी 30 प्रतिशत छूट दी जाए।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने खनिजों से मिलने वाली एडिशनल लेवी की 4 हजार 170 करोड़ राशि छत्तीसगढ़ को हस्तांतरण करने का आग्रह किया। वहीं, इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सर्वाेच्च न्यायालय में प्रस्तुत सिविल सूट याचिका में केंद्र सरकार की ओर से जल्द जवाब प्रस्तुत कर निराकरण करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन की मांग की।

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