मानसून सीजन की दूसरी छमाही में पूरे देश में वर्षा सामान्य रहेगी
2 अगस्त 2022, नई दिल्ली: मानसून सीजन की दूसरी छमाही में पूरे देश में वर्षा सामान्य रहेगी – भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा 2022 के दक्षिण -पश्चिम मानसून सीजन की दूसरी छमाही (अगस्त से सितंबर की अवधि ) का जो पूर्वानुमान जारी किया है , उसके अनुसार पूरे देश में वर्षा सामान्य (दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 94 से 106%) रहेगी। पश्चिम तट, पश्चिम मध्य भारत और उत्तर -पश्चिम भारत को छोड़कर दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है । पश्चिम तट के कई भागों और पूर्व मध्य, पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से नीचे वर्षा हो सकती है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पूरे देश में अगस्त 2022 की मासिक वर्षा सामान्य रहेगी, जो दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 94 से 106%) तक हो सकती है। जबकि दक्षिण पूर्व भारत ,उत्तर -पश्चिम भारत और आस -पास के पश्चिम मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। पश्चिम तट और पूर्व मध्य, पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत के अनेक भागों में सामान्य से नीचे वर्षा होने की संभावना जताई है ।अगस्त 2022 के दौरान, पूर्व मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के अनेक भागों मे तथा उत्तर -पश्चिम के कुछ हिस्सों और दक्षिण आंतरिक प्रायद्वीपीय भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। देश के शेष भागों में अधिकतम तापमान सामान्य अथवा सामान्य से नीचे रहने की संभावना है । पूर्व मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों और उत्तर -पश्चिम भारत के
पहाड़ी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है । उत्तर -पश्चिम के अनेक भागों, पश्चिम मध्य और दक्षिण भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे रहने की संभावना है ।
वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति देखी गई है । नवीनतम एमएमसीएफएस का पूर्वानुमान इशारा कर रहा है कि ला नीना की स्थिति वर्ष के अंत तक जारी रहेगी। अन्य जलवायु मॉडल भी आगामी सीज़न में ला नीना की स्थितियां बढी हुई रहने का संकेत दे रहे हैं ।वर्तमान में हिन्द महासागर में नकारात्मक डायपोल मोड इंडेक्स (डीएमआई / सूचकांक) के साथ तटस्थ आईओडी स्थितियां मौजूद हैं और नवीनतम एमएमसीएफएस पूर्वानुमान के संकेत अनुसार आगामी सीजन में नकारात्मक आईओडी की स्थिति विकसित होने की संभावना है।
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