दालों और खाद्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर: सरकार ने बताए स्थिरीकरण के प्रभावी उपाय
28 नवंबर 2024, नई दिल्ली: दालों और खाद्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर: सरकार ने बताए स्थिरीकरण के प्रभावी उपाय – केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने आज लोकसभा में जानकारी दी कि पिछले तीन महीनों में तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट या स्थिरता बनी हुई है। सरकार ने दालों और अन्य आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित और स्थिर बनाए रखने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
कीमत स्थिरीकरण के लिए उठाए गए कदम
सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:
बफर स्टॉक का उपयोग: तुअर और उड़द की दाल को ‘भारत दाल ब्रांड‘ के तहत रियायती दरों पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया गया और प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की बिक्री की गई।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति: आटा और चावल को भी भारत ब्रांड के तहत सस्ती कीमतों पर वितरित किया गया और थोक बाजारों और खुदरा दुकानों के माध्यम से खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाई गई।
आयात नीति में रियायतें: तुअर और उड़द के आयात को 31 मार्च 2025 तक ‘मुक्त श्रेणी’ में रखा गया, मसूर के आयात पर 31 मार्च 2025 तक कोई शुल्क नहीं लगाया गया और देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई।
सरकार ने तुअर और उड़द की खरीद सुनिश्चित करने के लिए पीएम-आशा योजना और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) के तहत मूल्य समर्थन योजना (PSS) लागू की है। इस योजना के तहत 22.11.2024 तक एनसीसीएफ और नैफेड द्वारा कुल 10.66 लाख किसानों को पंजीकृत किया गया है।
सरकार के अनुसार, मूंग और उड़द जैसी कम अवधि की फसलों की कटाई पूरी हो चुकी है। तुअर की कटाई का काम भी शुरू हो गया है। मौसम के अनुकूल रहने से आपूर्ति श्रृंखला में कोई बाधा नहीं आई है, और दालों की कीमतों में और नरमी आने की संभावना है।
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