राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

बजट 2025 की तैयारियाँ तेज़, शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों से मांगे बजट और योजनाओं पर सुझाव

04 जनवरी 2025, नई दिल्ली: बजट 2025 की तैयारियाँ तेज़, शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों से मांगे बजट और योजनाओं पर सुझाव – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक की। बैठक का उद्देश्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा और आगामी बजट के लिए सुझाव प्राप्त करना था। इस बैठक में कृषि विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

श्री चौहान ने कहा, “नए साल में कृषि विकास और किसान कल्याण के कामों को तेज़ गति से आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना ताकत से काम करने का संकल्प लिया है। हमें भी पूरी क्षमता से काम में जुटना होगा।”

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कृषि क्षेत्र की विकास दर में सुधार

उन्होंने कहा कि इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर 3.5% से 4% के बीच रहने की संभावना है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय किसानों और राज्यों के प्रयासों को दिया। श्री चौहान ने बताया कि खाद्यान्न उत्पादन 2013-14 के 265.05 मिलियन टन से बढ़कर 2023-24 में 328.85 मिलियन टन हो गया है।

योजनाओं की समीक्षा और सुधार पर चर्चा

बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री चौहान ने बताया कि अब तक 11 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 3.46 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।

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फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने सैटेलाइट बेस्ड रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है। इससे फसल नुकसान का सटीक आकलन हो सकेगा और मुआवजा सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से समय पर किसानों तक पहुंचेगा।

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एमएसपी और सब्सिडी योजनाएं

एमएसपी पर फसलों की खरीद के आंकड़ों को साझा करते हुए मंत्री ने बताया कि 2014-15 से 2024-25 तक 33.38 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं और 1.71 करोड़ मीट्रिक टन दालों की खरीद की गई। इसके लिए किसानों को कुल 6.04 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

उन्होंने कहा कि फर्टिलाइज़र पर सब्सिडी के लिए पिछले वर्ष 1.95 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस साल कैबिनेट ने डीएपी सब्सिडी को बढ़ाकर 3,800 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे 50 किलो की बोरी 1,350 रुपये में उपलब्ध होगी।

श्री चौहान ने बताया कि उत्पादन लागत घटाने और टिकाऊ खेती के लिए सरकार प्राकृतिक खेती मिशन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने राज्य सरकारों से इसमें सहयोग करने की अपील की।

ग्रामीण गरीबी में गिरावट पर चर्चा

बैठक में एसबीआई की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि 2024 में ग्रामीण गरीबी दर घटकर 4.86% हो गई है, जो 2012 में 25.7% थी। श्री चौहान ने इस रिपोर्ट को उत्साहजनक बताते हुए कहा कि सरकार गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

बजट के लिए सुझाव मांगे

श्री चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों से कहा कि वे बजट और योजनाओं में सुधार के लिए अपने सुझाव साझा करें। उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र के समन्वय से ही कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं।

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कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए श्री चौहान ने कहा, “किसानों की सेवा भगवान की पूजा के समान है। हमें उनके कल्याण के लिए और बेहतर काम करने की आवश्यकता है।”

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