बजट पूर्व चर्चा: शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मांगे अहम सुझाव
19 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: बजट पूर्व चर्चा: शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मांगे अहम सुझाव – आगामी बजट को कृषि क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के कृषि भवन में हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श किया। इस बैठक में किसानों, कृषि उद्यमियों, कृषक उत्पादक संघों और अन्य संगठनों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इन सुझावों का उद्देश्य खेती-किसानी को अधिक प्रभावी और लाभदायक बनाना है।
बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि प्राप्त सुझावों का गहन अध्ययन कर वित्त मंत्री को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों और कृषि से जुड़े हर पक्ष से सतत संवाद जारी रहेगा। बैठक में वैल्यू एडिशन, निर्यात सुविधाओं में सुधार, कृषि अनुसंधान का विस्तार, गुणवत्ता नियंत्रण, और किसानों को नुकसान से बचाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
महत्वपूर्ण सुझाव और चर्चाएं
हितधारकों ने अपने फील्ड अनुभव साझा करते हुए निम्नलिखित बिंदुओं पर सुझाव दिए:
- कृषि उपज का वैल्यू एडिशन: फसलों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन की सुविधाओं को बढ़ावा देना।
- निर्यात में सुधार: कृषि उत्पादों के निर्यातकों के लिए बेहतर सुविधाएं और समर्थन।
- कृषि अनुसंधान और तकनीक: नई तकनीकों का विस्तार और किसानों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना।
- गुणवत्ता और कीमत: कृषि आदानों की गुणवत्ता और कीमतों पर नियंत्रण।
- किसानों की सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं और मूल्य गिरावट से बचाने के लिए ठोस योजनाएं।
कृषि मंत्रालय की तैयारी
कृषि मंत्री ने बताया कि मंत्रालय बजट से संबंधित अपने प्रस्तावों को तैयार करने के लिए आंतरिक अध्ययन कर रहा है। साथ ही, पुरानी योजनाओं की समीक्षा की जा रही है ताकि उनका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
श्री चौहान ने कहा कि हितधारकों द्वारा दिए गए सुझाव बेहद अहम हैं क्योंकि ये फील्ड में काम करने के अनुभव पर आधारित हैं। इनसे खेती-किसानी में सुधार और किसानों को अधिक लाभ देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
आईसीएआर की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
कृषि मंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि नई फसल किस्मों का विकास और किसानों के हित में नवाचार पर काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों के हित में और क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर अध्ययन और विचार-विमर्श जारी है।
बैठक में कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, नाबार्ड, भारतीय स्टेट बैंक, सीआईआई, पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स, एसोचैम, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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