प्याज निर्यात: 1 अप्रैल से प्याज निर्यात सस्ता, आपके लिए क्या बदलेगा?
24 मार्च 2025, नई दिल्ली: प्याज निर्यात: 1 अप्रैल से प्याज निर्यात सस्ता, आपके लिए क्या बदलेगा? – भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगने वाले 20% शुल्क को 1 अप्रैल 2025 से हटाने का फैसला किया है। यह जानकारी उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में दी गई। राजस्व विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी। इस कदम से प्याज के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे आम लोगों को राहत मिलेगी?
पिछले कुछ सालों में सरकार ने प्याज की घरेलू उपलब्धता बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए थे। इनमें न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लागू करना, शुल्क लगाना और 8 दिसंबर 2023 से 3 मई 2024 तक करीब पांच महीने के लिए निर्यात पर पूरी तरह रोक शामिल थी। 13 सितंबर 2024 से लागू 20% शुल्क को अब हटाया जा रहा है। इसके बावजूद, वित्त वर्ष 2023-24 में 17.17 लाख मीट्रिक टन (LMT) और वित्त वर्ष 2024-25 में (18 मार्च तक) 11.65 LMT प्याज का निर्यात हुआ। सितंबर 2024 में जहां मासिक निर्यात 0.72 LMT था, वहीं जनवरी 2025 में यह बढ़कर 1.85 LMT हो गया।
कीमतों में गिरावट, लेकिन अभी भी पिछले साल से ऊंची
मंत्रालय के मुताबिक, रबी फसल की अच्छी पैदावार की उम्मीद के बाद मंडी और खुदरा दोनों बाजारों में प्याज की कीमतों में नरमी आई है। पिछले एक महीने में अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 10% घटी है, जबकि मंडी की भारित औसत मॉडल कीमत में 39% की कमी दर्ज की गई। फिर भी, मौजूदा मंडी कीमतें पिछले सालों के इसी समय से ऊपर बनी हुई हैं। 21 मार्च 2025 को लासलगांव में प्याज की मॉडल कीमत 1330 रुपये प्रति क्विंटल और पिंपलगांव में 1325 रुपये प्रति क्विंटल थी।
रबी उत्पादन में 18% की बढ़ोतरी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुमान के अनुसार, इस साल रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 227 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के 192 LMT से 18% ज्यादा है। भारत के कुल प्याज उत्पादन में रबी फसल का योगदान 70-75% होता है, जो बाजार में स्थिरता के लिए अहम है। बढ़े हुए उत्पादन से आने वाले महीनों में कीमतों में और कमी की संभावना जताई जा रही है।
लासलगांव और पिंपलगांव जैसी प्रमुख मंडियों में इस महीने प्याज की आवक बढ़ी है, जिससे कीमतों पर दबाव कम हुआ है। हालांकि, अगस्त 2023 से कम घरेलू उत्पादन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतों की वजह से देश को चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। अब उत्पादन बढ़ने और शुल्क हटने से स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
फिलहाल, यह देखना बाकी है कि शुल्क हटने से निर्यात बढ़ेगा या घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें और नीचे आएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर आने वाले कुछ हफ्तों में साफ हो सकेगा।
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