पीएम-किसान योजना: अपात्र किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले गए, क्या है पूरा मामला?
22 मार्च 2025, नई दिल्ली: पीएम-किसान योजना: अपात्र किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले गए, क्या है पूरा मामला? – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में पीएम-किसान योजना को लेकर एक अहम जानकारी साझा की है। इस योजना के तहत अब तक देशभर में अयोग्य लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। यह योजना, जो फरवरी 2019 में शुरू की गई थी, किसानों को सालाना 6,000 रुपये की वित्तीय मदद देने के लिए बनाई गई थी। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर ये अयोग्य लाभार्थी कौन हैं और यह राशि क्यों वसूली जा रही है?
पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन किस्तें दी जाती हैं। यह राशि सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए पहुंचती है। मंत्रालय के मुताबिक, अब तक 19 किस्तों के जरिए 3.68 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का वितरण किया जा चुका है। हालांकि, इस योजना को पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें आधार-आधारित भुगतान, ई-केवाईसी और भूमि बीजारोपण को अनिवार्य करना शामिल है।
अयोग्य लाभार्थियों पर कार्रवाई
मंत्रालय ने बताया कि कुछ किसान ऐसे थे, जो योजना की शर्तों को पूरा नहीं करते थे। इनमें आयकर दाता, पीएसयू कर्मचारी, सरकारी नौकरीपेशा लोग और संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति शामिल हैं। ऐसे लोगों को दी गई राशि को वापस लेने का जिम्मा राज्य सरकारों को सौंपा गया है। अब तक 416 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। इसके अलावा, जिन किसानों ने ई-केवाईसी या अन्य जरूरी शर्तें पूरी नहीं कीं, उनके लाभ रोक दिए गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि जैसे ही ये किसान जरूरी मानदंड पूरे करेंगे, उन्हें देय किस्तों के साथ लाभ मिलेगा।
संतृप्ति अभियान और नए किसान
मंत्रालय का कहना है कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर संतृप्ति अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि कोई पात्र किसान छूट न जाए। 15 नवंबर 2023 से शुरू हुए एक बड़े अभियान के बाद 1.5 करोड़ नए किसानों को योजना से जोड़ा गया।
अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) के 2019 के एक अध्ययन का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मददगार रही है। इससे किसानों को कर्ज से राहत मिली और कृषि में निवेश बढ़ा। हालांकि, यह भी देखा गया कि कई किसान इस राशि का इस्तेमाल शिक्षा, चिकित्सा और शादी जैसे खर्चों के लिए कर रहे हैं।
नीचे दी गई तालिका में पीएम-किसान योजना के तहत अब तक की किस्तों और वितरित राशि का ब्योरा है:
किस्त सं. | किस्त अवधि | लाभार्थियों की संख्या | वितरित राशि (करोड़ में) |
1 | दिसंबर, 2018 – मार्च, 2019 | 3,16,21,382 | 6,324.28 |
2 | अप्रैल, 2019 – जुलाई, 2019 | 6,00,34,808 | 13,272.00 |
3 | अगस्त, 2019 – नवंबर, 2019 | 7,65,99,962 | 17,526.92 |
4 | दिसंबर, 2019 – मार्च, 2020 | 8,20,91,433 | 17,942.95 |
5 | अप्रैल, 2020 – जुलाई, 2020 | 9,26,93,902 | 20,989.46 |
6 | अगस्त, 2020 – नवंबर, 2020 | 9,72,27,173 | 20,476.24 |
7 | दिसंबर, 2020 – मार्च, 2021 | 9,84,75,226 | 20,474.95 |
8 | अप्रैल, 2021 – जुलाई, 2021 | 9,99,15,224 | 22,415.06 |
9 | अगस्त, 2021- नवंबर, 2021 | 10,34,45,600 | 22,395.43 |
10 | दिसंबर, 2021- मार्च, 2022 | 10,41,67,787 | 22,343.30 |
11 | अप्रैल, 2022 – जुलाई, 2022 | 10,48,43,465 | 22,617.98 |
12 | अगस्त, 2022 – नवंबर, 2022 | 8,57,37,576 | 18,041.35 |
13 | दिसंबर, 2022 – मार्च, 2023 | 8,12,37,172 | 17,650.07 |
14 | अप्रैल, 2023 – जुलाई, 2023 | 8,56,78,805 | 19,203.74 |
15 | अगस्त, 2023 – नवंबर, 2023 | 8,12,16,535 | 19,596.74 |
16 | दिसंबर, 2023 – मार्च, 2024 | 9,04,30,715 | 23,088.88 |
17 | अप्रैल, 2024 – जुलाई, 2024 | 9,38,01,342 | 21,056.75 |
18 | अगस्त, 2024 – नवंबर, 2024 | 9,59,26,746 | 20,665.51 |
19 | दिसंबर, 2024 – मार्च, 2025 | 9,88,42,900 | 22,270.45 |
तकनीक से पारदर्शिता की कोशिश
योजना को बेहतर बनाने के लिए पीएम-किसान पोर्टल और मोबाइल ऐप बनाया गया है। जून 2023 से चेहरे की पहचान आधारित ई-केवाईसी शुरू की गई हैं। 12वीं से 15वीं किस्त तक भूमि बीजारोपण, आधार-आधारित भुगतान और ई-केवाईसी को क्रमिक रूप से अनिवार्य किया गया। इसके अलावा, 5 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) भी पंजीकरण और शिकायत निवारण के लिए खोले गए हैं। सितंबर 2023 में शुरू हुआ एआई चैटबॉट ‘किसान-ईमित्र’ भी स्थानीय भाषाओं में सवालों का जवाब दे रहा है।
मंत्रालय का कहना है कि पीएम-किसान को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी अन्य योजनाओं के साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है, ताकि किसानों को व्यापक मदद मिल सके। लेकिन अयोग्य लाभार्थियों से वसूली और तकनीकी दिक्कतों का मुद्दा अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह जानकारी कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी। अब देखना यह है कि योजना का लाभ सही किसानों तक कितनी तेजी से पहुंच पाता है।
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