राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2024: भारत के डेयरी क्षेत्र का जश्न, निर्यातक बनने की दिशा में प्रयास तेज
27 नवंबर 2024, नई दिल्ली: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2024: भारत के डेयरी क्षेत्र का जश्न, निर्यातक बनने की दिशा में प्रयास तेज – मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2024 का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की 103वीं जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम में नीति निर्माताओं, किसानों और उद्योग जगत के नेताओं ने भाग लिया। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मुख्य अतिथि रहे, जबकि राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
डेयरी क्षेत्र के योगदान पर केंद्रीय मंत्री का जोर
केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान देता है और 8 करोड़ से अधिक किसानों को रोजगार प्रदान करता है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 2022-23 में भारत का दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो वैश्विक उत्पादन का 24% है। भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 459 ग्राम प्रतिदिन है, जो विश्व औसत 323 ग्राम से काफी अधिक है। उन्होंने असंगठित डेयरी क्षेत्र को संगठित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
श्री सिंह ने महिलाओं के नेतृत्व वाली सहकारी समितियों की सराहना की, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रही हैं। उन्होंने गुजरात के सहकारी मॉडल को एक आदर्श बताया, जो बिचौलियों को कम करके किसानों को अधिक लाभ पहुंचा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने डेयरी फार्मिंग में सेक्स-सॉर्टेड सीमेन और आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) जैसी उन्नत तकनीकों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने खुरपका और मुंहपका रोग जैसे पशु रोगों के उन्मूलन के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान को एक बड़ी पहल बताया, जिसका लक्ष्य 2030 तक इन बीमारियों को खत्म करना है।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार का वितरण
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन के साथ मिलकर तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किए:
- सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान: स्वदेशी गाय/भैंस की नस्लों के पालन के लिए।
- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन।
- सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/दूध उत्पादक कंपनी।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विजेताओं को विशेष पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।
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