सरकारी योजनाएं (Government Schemes)राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

मोदी सरकार ने किसानों के लिए 14,000 करोड़ की 7 नई योजनाएं मंज़ूर की

04 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: मोदी सरकार ने किसानों के लिए 14,000 करोड़ की 7 नई योजनाएं मंज़ूर की – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए 14,235.30 करोड़ रुपये की सात महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर किसानों की आजीविका को मजबूत करना और उनकी आय में वृद्धि करना है।

इन योजनाओं में सबसे प्रमुख है डिजिटल कृषि मिशन, जिसके तहत 2,817 करोड़ रुपये के परिव्यय से डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इस मिशन में पहला हिस्सा है एग्री स्टैक जिसमे किसान की रजिस्ट्री, गांव की भूमि के नक्शे की रजिस्ट्रीऔर बोई गई फसल की रजिस्‍ट्री शामिल है। दूसरा हिस्सा है कृषि निर्णय सहायता प्रणाली जिसमे भूस्थानिक डेटा, सूखा/बाढ़ निगरानी, मौसम/उपग्रह डेटा, भूजल/जल उपलब्धता डेटा, फसल उपज और बीमा मॉडलिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जो किसानों को आधुनिक तकनीक जैसे एआई और मोबाइल फ़ोन के ज़रिये नई जानकारी  का लाभ उठाने में मदद करेंगी जिसमे मिट्टी के बारे में विस्‍तृत जानकारी, डिजिटल फसल अनुमान, डिजिटल उपज मॉडलिंग, फसल ऋण और खरीदारों से जुड़ें डाटा शामिल होगा।  

इसके अलावा, खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 3,979 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस पहल के तहत किसानों को जलवायु लचीलेपन के लिए तैयार किया जाएगा, जिससे 2047 तक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। इसके तहत अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, पादप आनुवंशिक संसाधनों का प्रबंधन किया जाएगा, और खाद्य एवं चारा फसलों के आनुवंशिक सुधार पर काम किया जाएगा। इसके साथ ही, दलहन और तिलहन की फसलों में सुधार और व्यावसायिक फसलों की उन्नति पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, कीटों, सूक्ष्म जीवों, परागणकारकों आदि पर भी व्यापक अनुसंधान किया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादन को और अधिक सशक्त बनाया जा सके।

कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को सशक्त बनाने के लिए 2,291 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य कृषि छात्रों और शोधकर्ताओं को वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है। इसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत कृषि अनुसंधान और शिक्षा का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जो नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप होगा। नवीनतम तकनीकों, जैसे डिजिटल डीपीआई, एआई, बिग डेटा, रिमोट सेंसिंग आदि का उपयोग भी इसमें शामिल है। इसके साथ ही, प्राकृतिक खेती और जलवायु लचीलापन को भी इस पहल में समाहित किया जाएगा, ताकि कृषि क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और उन्नत बनाया जा सके।

पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए 1,702 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय निर्धारित किया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य पशुधन और डेयरी से किसानों की आय में वृद्धि करना है। इसमें पशु स्वास्थ्य प्रबंधन और पशु चिकित्सा शिक्षा को सशक्त करना, डेयरी उत्पादन और प्रौद्योगिकी का विकास, पशु आनुवंशिक संसाधनों का प्रबंधन, उत्पादन और सुधार शामिल हैं। इसके अलावा, पशु पोषण और छोटे जुगाली करने वाले पशुओं की वृद्धि और विस्तार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि पशुधन क्षेत्र को और अधिक लाभकारी बनाया जा सके।

बागवानी के निरंतर विकास के लिए 1,129.30 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय निर्धारित किया गया है, जिसका उद्देश्य बागवानी फसलों के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस पहल के तहत उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। जड़, कंद, कंदीय और शुष्क फसलों के साथ-साथ सब्जियों, फूलों की खेती और मशरूम उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बागान, मसाले, औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को भी शामिल किया गया है, जिससे बागवानी के क्षेत्र में व्यापक विकास हो सके।

इसके अलावा, कृषि विज्ञान केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए 1,202 करोड़ रुपये और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 1,115 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

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