राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: सहकारी समिति I सूक्ष्म जीव I किसान आंदोलन I ट्रॉपिकल एग्रो I फूड प्रोसेसिंग I रबी सीजन 2024-25

26 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…

1. सहकारी समितियों के सशक्तिकरण की नई पहल: 10,000 PACS, डेयरी और मत्स्य समितियों का गठन

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देश में सहकारिता को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 10,000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया। यह पहल सहकारी ढांचे को मजबूत करने और पंचायत स्तर तक सहकारिता की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। पूरी खबर पढ़े….

2. कुछ सूक्ष्म जीवों की जीवित रहने की रणनीतियों का पता लगाया

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प्राचीन जीवों के क्षेत्र आर्किया के अध्ययन से वैज्ञानिकों को सूक्ष्म जीवों की जीवित रहने की रणनीतियों के बारे में पता चला है। यह सूक्ष्म जीव अपनी विष-प्रतिविष (टीए) प्रणालियों की सहायता से कठिन परिस्थितियों में अपना बचाव कर लेते हैं। पूरी खबर पढ़े….

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3. किसानों के लिए नई योजना: अब फसल दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाना होगा आसान

केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को उनकी उपज को दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाने में मदद के लिए एक नई योजना पर काम कर रही हैं। यह कदम भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और इसकी जीडीपी में 18% योगदान को और बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है। इसके साथ ही सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, जल संसाधनों के कुशल उपयोग, और शोधकर्ताओं व किसानों के बीच की दूरी को पाटने के लिए प्रयासरत है। पूरी खबर पढ़े….

4. देश में गेहूं की बुवाई बढ़ी

 देश में स्वी फसलों की बुवाई तेजी से चल रही है। अब तक 558 लाख 80 हजार हेक्टेयर में बोनी कर ली गई है, जबकि गत वर्ष इस अवधि में 556 लाख 67 हजार हेक्टेयर में बोनों हुई थी। अब तक गेहूं की बुवाई 293.11 लाख हेक्टेयर में हो गई है, जो गत वर्ष समान अवधि में 284.17 लाख हेक्टेयर में हुई थी। देश में रबी फसलों का समान क्षेत्र 635.60 लाख हेक्टेयर रखा गया है I पूरी खबर पढ़े….

5. गेहूं के मंडी भाव में उतार-चढ़ाव: किसान 2025 के बाजार रुझानों के लिए तैयार

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दिसंबर 2024 के समापन के साथ, भारत के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में मंडी भाव में विविधता देखने को मिल रही है। यह उतार-चढ़ाव क्षेत्रीय मांग, आपूर्ति और मौसमी कारकों के बीच संतुलन को दर्शाता है। 2025 की फसल कटाई के साथ ही बाजार में नई आवक शुरू होने की संभावना है, ऐसे में किसान और विश्लेषक इस बात पर नज़र रख रहे हैं कि भाव किस दिशा में जा सकते हैं। पूरी खबर पढ़े….

6. ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम्स: विकास, नवाचार और बाजार नेतृत्व में अग्रणी

1965 में स्थापित, ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टममा ने भारत के कृषि रसायन और जैविक उत्पाद क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाई है। कृषक जगत के आंग्ल प्रकाशन ‘ग्लोबल एग्रीकल्चर’ के संपादक निमिष गंगराड़े के साथ एक विशेष बातचीत में, ट्रॉपिकल एग्रो के दूरदर्शी संस्थापक श्री वी. के. झंवर ने कंपनी की परिकर्तनकारी यात्रा, भविष्य की रणनीतियों और भारतीय कृषि पर इसके प्रभाष पर विस्तार से चर्चा की। पूरी खबर पढ़े….

7. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के लिए सरकारी अनुदान: प्रोत्साहन और सहायता से विकास को बढ़ावा

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में परिवर्तनकारी विकास के लिए केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से बड़े अनुदान और प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। इनमें प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिककरण योजना (PMFME) शामिल हैं। पूरी खबर पढ़े….

8. प्रदेश में 131 लाख हेक्टेयर में हुई बोनी

चालू रबी सीजन 2024-25 में अब तक 131 लाख 57 हजार हेक्टेयर में बोनी हो गई है। जो लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 94 फीसदी है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में 131.60 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। राज्य की प्रमुख फसल गेहूं की बोनी अब तक 87.39 लाख हेक्टेयर में हो गई है। इस वर्ष रबी फसलों का लक्ष्य 140.08 लाख हेक्टेयर रखा गया है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष बुवाई समान गति से बल रही है। पूरी खबर पढ़े….

9. क्या पीएम-आशा वास्तव में किसानों की आय को स्थिर कर पाएगी, या यह सिर्फ अल्पकालिक समाधान है?

भारत सरकार ने प्रधानमंत्री अनदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह योजना प्रमुख कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देती है, ताकि किसानों को उनकी फसल के लिए एक निश्चित और लाभकारी मूल्य मिल सके। MSP नीति का उद्देश्य किसानों को अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना और उत्पादन को बढ़ावा देना है। पूरी खबर पढ़े….

10. किसान आंदोलन: किसान क्यों उठा रहे हैं भूमि अधिग्रहण कानून के सही क्रियान्वयन का मुद्दा?

पंजाब और हरियाणा के किसान फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देना और अन्य दर्जनभर मुद्दे शामिल हैं। इनमें सबसे प्रमुख मांगों में से एक है भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करना। पूरी खबर पढ़े….

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