कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: पशुपालन I बासमती चावल I बांस रोपण I जीएम फसलें I नींबू खेती I स्व-सहायता समूह
30 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…
1.21 वीं पशु संगणना में पूरी तरह ऑनलाइन होगा डाटा कलेक्शन
पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में भारत विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है। पशु संगणना में जहां भारत का विश्व में प्रथम स्थान है, वहीं विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन भी भारत में ही होता है। विश्व के सकल दुग्ध उत्पादन का 25% भारत में होता है। भारत में कृषि उत्पादन में पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र का 30% योगदान है। मध्य प्रदेश किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन) सहित अन्य योजनाओं में भारत में अग्रणी है। पूरी खबर पढ़े….
2.केआरबीएल लि. ने की इंडिया गेट बासमती चावल की वापसी
दुनिया की सबसे बड़ी बासमती चावल निर्यातक और भारत में प्रमुख सप्लायर, केआरबीएल लि. ने अपने लोकप्रिय उत्पाद इंडिया गेट प्योर बासमती राइस फीस्ट रोज़ाना सुपर वैल्यू पैक (10 प्रतिशत अतिरिक्त) को बाज़ार से एहतियातन वापस मंगाने की घोषणा की है। यह वापसी दो विशिष्ट कीटनाशकों, थायमेथोक्साम और आइसोप्रोथायोलेन, की अनुमति सीमा से अधिक मात्रा में पाए जाने के कारण की जा रही है। पूरी खबर पढ़े….
3.देश में खाद्यान्न उत्पादन का नया रिकॉर्ड
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2023-24 के प्रमुख फसलों के अंतिम उत्पादन अनुमान जारी किए हैं। इस वर्ष देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3322.98 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26.11 लाख मीट्रिक टन अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से धान, गेहूं और श्री अन्न के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण हुई है। पूरी खबर पढ़े….
4.आने वाला समय म.प्र. और राजस्थान के लिये अद्वितीय: डॉ. यादव
मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच नई दिल्ली स्थित जल शक्ति मंत्रालय में पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईआरसीपी लिंक परियोजना के संबंध में त्रिपक्षीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सहित केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पूरी खबर पढ़े….
5. ICRISAT की महानिदेशक डॉ. जैकलीन ह्यूजेस को ग्लोबल एग्रीकल्चर में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित
अंतरराष्ट्रीय शुष्क क्षेत्रों की फसलों के अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की महानिदेशक डॉ. जैकलीन ह्यूजेस को ताइवान में आयोजित 8वें एशियन पीजीपीआर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर में प्रतिष्ठित ‘लाइफटाइम अचीवमेंट इन ग्लोबल एग्रीकल्चर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। पूरी खबर पढ़े….
6.बांस रोपण करने वाले कृषकों को 5566.50 लाख का अनुदान
देश में सबसे ज्यादा बांस संसाधन मध्यप्रदेश में है। भारतीय वन सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 18,394 वर्ग किलोमीटर में बांस क्षेत्र है जो देश में सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। देश में बांस क्षेत्र 15.0 मिलियन हेक्टेयर है। पूरी खबर पढ़े….
7.प्रधानमंत्री मोदी ने “मन की बात” में मध्यप्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों के जल-संरक्षण प्रयासों की प्रशंसा, मुख्यमंत्री ने दी सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के डिंडोरी और छतरपुर जिलों में महिलाओं द्वारा जल-संरक्षण के अनूठे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इन महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किए गए कार्यों को प्रेरणादायक बताते हुए विशेष रूप से डिंडोरी के शारदा आजीविका समूह और छतरपुर के हरि बगिया समूह के प्रयासों का उल्लेख किया। पूरी खबर पढ़े….
8.खेती को खोखला कर देंगी, जीएम फसलें
दबावों के बावजूद यूरोपियन यूनियन (ईयू) के 27 देशों समेत कई देशों में प्रतिबंधित ‘जेनेटिकली मॉडीफाइड’ फसलों को दुनियाभर में पैदावार बढ़ाने के तर्क की बुनियाद पर फैलाया जा रहा है, हालांकि सब जानते हैं कि इसके पीछे अमरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मुनाफे की हवस काम कर रही है। क्या है, ‘जीएम’ फसलों के गुण-दोष? पूरी खबर पढ़े….
9.यदि आप पशुपालक किसान है तो जरा ध्यान दें
देश के अधिकांश किसानों द्वारा गाय भैंस पाली जाती है. अमुमन जब गाय-भैंस बच्चा देती है तो पशुपालक खूब खुश होते हैं. अगर वो बच्चा मादा है तो और ज्यादा खुश होते हैं. सोचते हैं कि दूध देने के लिए एक और पशु आ गया. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो गाय-भैंस के बच्चा देने और जेर गिरने के बाद पशुपालन दूसरे काम में लग जाते हैं. बच्चा देने वाली गाय-भैंस की तरफ उनका कोई ध्यान नहीं रहता है. मतलब पशु के प्रति लापरवाही बरतने लगते हैं. पूरी खबर पढ़े….
10.मध्य प्रदेश: टीकमगढ़ की अर्चना अहिरवार, नींबू की खेती से महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहीं ग्रामीण उद्यमी
हनुमान सागर की प्रगतिशील किसान अर्चना अहिरवार ने खेती में नवाचार अपनाकर महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश की है। ढेढ़ एकड़ जमीन पर नींबू, कटहल और अमरूद के बगीचे लगाकर उन्होंने पारंपरिक खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला। आज अर्चना अपने खेत से सालाना 1 से 1.5 लाख रुपये की कमाई कर रही हैं। पूरी खबर पढ़े….