देश में रबी बोनी पिछड़ी
गत वर्ष की तुलना में लगभग 6 लाख हेक्टेयर की कमी
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में दलहन का रकबा बढ़ा है, लेकिन गेहूं की खेती में किसानों की दिलचस्पी घटने के संकेत हैं। अब तक तिलहन की बोवनी भी कम हो पाई है। अब तक कुल रबी बोनी 565 लाख 79 हजार हेक्टेयर में की गई है। जबकि गत वर्ष इस समय तक 571 लाख 47 हजार हेक्टेयर में बोनी हो गई थी। इस वर्ष बुवाई की गति धीमी है।
गेहूं की बोवनी जोर पकडऩे के बावजूद पिछले साल के मुकाबले कम है। सीजन की शुरूआत में उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरे के कारण गेहूं की बोवनी में देरी हुई। पिछले रबी सीजन में किसानों को अच्छी कमाई न होने के कारण उन्होंने अन्य फसलों का रुख किया। इससे गेहूं की बोवनी प्रभावित हुई।
गेहूं के मुख्य उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले 1.5 फीसदी ज्यादा 83 लाख हेक्टेयर में बोवनी हुई है। दूसरी तरफ म.प्र., हरियाणा और पंजाब में इस साल गेहूं की बोवनी क्रमश: 7.5 फीसदी, 5.0 फीसदी और 0.7 फीसदी कम रही।
चालू रबी सीजन में अब तक तिलहन की बोवनी 74.23 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि में तिलहन की कुल बोवनी 79.56 लाख हेक्टेयर रही थी। इस हिसाब से अब तक तिलहन की खेती घटी है। सबसे ज्यादा कमी सरसों की बोवनी में रही है।
चालू रबी सीजन के दौरान देश भर में अब तक फसलों की बोवनी 565.79 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है। पिछले रबी सीजन की इसी अवधि में बोवनी 571.47 लाख हेक्टेयर में हुई थी। दलहन और धान की बोवनी में बढ़त कायम है। मोटे अनाज की बोवनी मामूली पिछड़ रही है, जबकि गेहूं और तिलहन की बोवनी की रफ्तार धीमी है।
दलहन की बोवनी ज्यादा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से 29 दिसंबर, 2017 को जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सीजन में अब तक दलहन की बोवनी 150.63 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है। पिछले रबी सीजन की इसी अवधि में दलहन की बोवनी 138.34 लाख हेक्टेयर में हो पाई थी। सरकार की तरफ से भी किसानों को उत्साहित करने को लेकर चना और मसूर पर 30 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है।
धान की बोवनी भी बढ़ी
चालू रबी सीजन में अब तक धान की बोवनी 16.33 लाख हेक्टेयर में हो गई है। पिछले सीजन की समान अवधि में धान की बोवनी केवल 11.55 लाख हेक्टेयर में हो पाई थी। इस तरह अब तक धान की कुल औसत बोवनी ज्यादा रही है। चालू रबी सीजन में, अब तक मोटे अनाज की बोवनी 50.71 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में इन फसलों की बोवनी 51.28 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इस हिसाब से मोटे अनाज की कुल बोवनी घटी है। मोटे अनाज की बोवनी घटने का सीधा लाभ ज्वार, बाजार को होगा।
देश में बुवाई स्थिति | ||
29 दिसम्बर तक (लाख हेक्टेयर) | ||
फसल | इस वर्ष | गत वर्ष |
गेहूं | 273.85 | 290.74 |
चावल | 16.33 | 11.55 |
दालें | 150.63 | 138.34 |
मोटे अनाज | 50.71 | 51.28 |
तिलहन | 74.27 | 79.56 |
कुल | 565.79 | 571.47 |