राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत का स्पष्ट रुख: “किसान पहले”, अमेरिका को नहीं मिलेगी खुली छूट

11 जून 2025, नई दिल्ली: भारत का स्पष्ट रुख: “किसान पहले”, अमेरिका को नहीं मिलेगी खुली छूट – भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में भारत अपने किसानों के हितों को सबसे ऊपर रखेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ-साफ कहा है कि अमेरिका भले ही अपने कृषि उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में ज्यादा जगह चाहता हो, लेकिन भारत अपने किसानों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।

चौहान ने कहा, “हमारे लिए किसान पहले हैं। हम कोई भी फैसला जल्दबाजी में या आंख मूंदकर नहीं लेंगे। हर कदम पर फायदा-नुकसान का हिसाब लगाएंगे और फिर आगे बढ़ेंगे।” यह बयान तब आया है, जब अमेरिका भारत से मक्का, सोयाबीन और पशु आहार जैसे अपने उत्पादों के लिए कम टैरिफ और बाजार में आसान पहुंच की मांग कर रहा है।

व्यापार समझौते की राह

भारत और अमेरिका जल्द ही एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण की रूपरेखा पर सहमत हो सकते हैं। उम्मीद है कि इस पर 2025 की सितंबर-अक्टूबर तक हस्ताक्षर हो जाएंगे। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने गाँवों और किसानों के हितों को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं करेगा।

नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2024 तक की तीन साल की अवधि में भारत ने अमेरिका को 5.75 बिलियन डॉलर के कृषि उत्पाद निर्यात किए, जबकि अमेरिका से 2.22 बिलियन डॉलर के कृषि सामान आयात किए। भारत के निर्यात में झींगा, बासमती चावल, मसाले और प्रोसेस्ड अनाज जैसी चीजें शामिल हैं।

अमेरिकी दबाव और भारतीय सतर्कता

अमेरिका चाहता है कि भारत अपने ऊंचे टैरिफ, जो कृषि उत्पादों पर 39-50% तक हैं, को कम करे। लेकिन भारत इस मामले में बेहद सतर्क है। उसे डर है कि बाजार को पूरी तरह खोलने से गाँवों में नाराजगी फैल सकती है और स्थानीय किसानों को वैश्विक कीमतों के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।

चौहान ने दो टूक कहा, “हम व्यापार को सिर्फ एक हिस्से से नहीं, बल्कि पूरी तस्वीर को देखकर समझौता करेंगे। हमारे किसानों का हित हमें सबसे ज्यादा प्यारा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत वैश्विक व्यापार में हिस्सा लेने को तैयार है, लेकिन अपने किसानों को मजबूत रखते हुए।

भारत का मजबूत रुख

भारत का यह रुख दिखाता है कि वह वैश्विक मंच पर अपनी ताकत को अच्छे से समझता है। जानकारों का कहना है कि भारत अब अपनी शर्तों पर सौदे करने की स्थिति में है। कृषि क्षेत्र में उसकी सावधानी न सिर्फ किसानों को सुरक्षा देती है, बल्कि लंबे समय तक आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित करती है।

जैसे-जैसे यह वार्ता आगे बढ़ रही है, हर किसी की नजर इस बात पर है कि भारत अपने हितों की रक्षा करते हुए वैश्विक व्यापार में अपनी जगह और मजबूत कैसे करता है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements