पराली जलाने पर सरकार सख्त: नई कार्य योजना से वायु प्रदूषण पर लगेगा ब्रेक
23 जुलाई 2024, नई दिल्ली: पराली जलाने पर सरकार सख्त: नई कार्य योजना से वायु प्रदूषण पर लगेगा ब्रेक – पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर व्यापक रूपरेखा तैयार की है।
इस बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पराली जलाने की रोकथाम के लिए कई उपाय सुझाए हैं। 10 जून 2021 को जारी सीएक्यूएम निर्देशों के आधार पर 2021, 2022 और 2023 के अनुभवों से सीखते हुए पंजाब, हरियाणा और यूपी के एनसीआर जिलों के लिए कार्य योजनाओं को संशोधित किया गया है।
सीएक्यूएम ने 12 अप्रैल 2024 को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के मुख्य सचिवों को धान की फसल के मौसम में पराली जलाने की रोकथाम के लिए संशोधित कार्य योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख उपाय:
- सभी किसानों को पराली प्रबंधन के साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से मशीनों की उपलब्धता और समीक्षा।
- सीएचसी की संख्या बढ़ाना और उचित संसाधन उपलब्ध कराना।
- जुलाई-अगस्त 2024 तक सभी नई सीआरएम मशीनों की खरीद सुनिश्चित करना।
- सीमांत किसानों को मशीनों की आपूर्ति पर ध्यान देना।
- ग्राम/ब्लॉक स्तर पर आईटी/वेब आधारित निगरानी तंत्र स्थापित करना।
- पराली जलाने के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- सख्त निगरानी और प्रवर्तन के लिए अधिकारियों की नियुक्ति।
- इसरो प्रोटोकॉल के अनुसार खेतों की निगरानी और दंड लगाना।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के अनुसार, 2023 में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं में पंजाब में 27% और हरियाणा में 37% की कमी आई है।
आंकड़े:
वर्ष | पंजाब | हरियाणा | कुल (दिल्ली और राजस्थान के एनसीआर जिलों सहित) |
2021 | 71304 | 6987 | 78550 |
2022 | 49922 | 3661 | 53792 |
2023 | 36663 | 2303 | 39186 |
नई पहल: वाणिज्यिक इथेनॉल संयंत्र
पानीपत, हरियाणा में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा धान के भूसे पर आधारित एक वाणिज्यिक दूसरी पीढ़ी (2जी) का इथेनॉल संयंत्र स्थापित किया गया है, जो 10 अगस्त 2022 को राष्ट्र को समर्पित किया गया।
केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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