राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

खुशखबरी! सरकार ने कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर और कीटनाशकों पर घटाया GST, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

04 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: खुशखबरी! सरकार ने कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर और कीटनाशकों पर घटाया GST, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ – किसानों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में 12% और 28% वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है, और अब सिर्फ दो प्रमुख GST स्लैब 5% और 18% रहेंगे। यह नई कर व्यवस्था 22 सितंबर से लागू होगी। इस बदलाव से खेती से जुड़े कई सामान जैसे ट्रैक्टर, उनके पार्ट्स, कीटनाशक, उर्वरक इनपुट्स, सिंचाई उपकरण और कृषि मशीनरी अब सस्ते हो जाएंगे। 

इसके चलते किसानों की लागत घटेगी और आम उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। सरकार का यह फैसला खेती, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी और जल पालन जैसे क्षेत्रों को मजबूती देगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा।

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ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर GST घटा

सरकार ने छोटे और मध्यम किसानों की मदद के लिए कई जरूरी चीजों पर जीएसटी घटा दिया है। अब ट्रैक्टर पर 12% की बजाय 5% GST लगेगा, जिससे ट्रैक्टर सस्ते हो जाएंगे। इसके टायर और पार्ट्स पर भी टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसी तरह, ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर जैसे सिंचाई उपकरण भी अब सस्ते होंगे, क्योंकि इन पर भी 5% GST ही लगेगा। इससे पानी की बचत होगी और खेती अधिक कारगर बनेगी। वहीं, खेती, बागवानी और वानिकी में इस्तेमाल होने वाली मशीनों जैसे जुताई, कटाई और तैयारी के उपकरणों पर भी अब 12% की जगह 5% GST लगेगा। इससे खेती में यंत्रीकरण बढ़ेगा, जिससे किसान का समय बचेगा और मेहनत कम होगी।

उर्वरक बनाने वाली कच्ची सामग्री पर GST में बड़ी कटौती

सरकार ने किसानों को राहत देते हुए अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड जैसे उर्वरक बनाने वाले कच्चे माल पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया है। इससे उर्वरक बनाने वाली कंपनियों की लागत घटेगी और वे कीमतें नहीं बढ़ाएंगी। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा, जिन्हें अब सस्ते और समय पर उर्वरक मिल पाएंगे। इससे बुवाई के समय खर्च कम होगा और फसल की तैयारी बेहतर होगी।

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जैव-कीटनाशक और पोषक तत्व भी हुए सस्ते

सरकार ने 12 जैव-कीटनाशकों और कई सूक्ष्म पोषक तत्वों (माइक्रो न्यूट्रिएंट्स) पर भी GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया है।इससे प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसान अब रासायनिक कीटनाशकों की जगह जैविक विकल्पों का इस्तेमाल ज्यादा करेंगे, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी और फसलें भी बेहतर होंगी। इस बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा छोटे जैविक किसानों और FPOs (किसान उत्पादक संगठनों) को होगा, जो प्राकृतिक खेती को अपनाते हैं।

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फल, सब्जियों और प्रोसेस्ड फूड पर GST में राहत, किसानों को मिलेगा फायदा

सरकार ने तैयार और संरक्षित फल, सब्जियां और मेवे पर लगने वाला GST 12% से घटाकर 5% कर दिया है। इस फैसले से ठंडे भंडारण (कोल्ड स्टोरेज) और खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) सेक्टर में निवेश बढ़ेगा, जिससे फसलों की बर्बादी कम होगी और किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम मिल सकेंगे। इसके साथ ही, प्रोसेस्ड फूड का निर्यात भी बढ़ेगा, जिससे भारत एग्री-एक्सपोर्ट हब बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

इस कदम से छोटे किसान उत्पादक समूह (FPOs) और स्थानीय खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को टैक्स में सीधी राहत मिलेगी, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और कारोबार को मजबूती मिलेगी।

डेयरी क्षेत्र को मिला बड़ा सहारा

सरकार ने दूध और पनीर को पहले की तरह GST से पूरी तरह मुक्त रखा है। वहीं, मक्खन, घी और अन्य डेयरी उत्पादों पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे डेयरी किसानों को अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिल सकेगी।

देश के लाखों किसान पशुपालन से अपनी आय बढ़ाते हैं, खासकर महिलाएं, जो दूध उत्पादन और डेयरी प्रसंस्करण में सक्रिय हैं। ऐसे में यह राहत उनकी आमदनी बढ़ाने में मददगार होगी। साथ ही, आयरन, स्टील और एल्युमिनियम से बने दूध के डिब्बों पर GST भी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे पैकिंग की लागत भी कम होगी।

जलपालन और प्राकृतिक शहद उत्पादकों को राहत

सरकार ने तैयार या संरक्षित मछली पर भी GST 12% से घटाकर 5% कर दिया है। इससे मछली पालन और जलपालन को बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को सीधा फायदा होगा।

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वहीं, प्राकृतिक शहद पर GST में कटौती का फायदा मधुमक्खी पालकों, आदिवासी समुदायों और ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों को मिलेगा, जो इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। इससे उनकी आय में सुधार होगा और स्थानीय रोजगार को मजबूती मिलेगी।

सौर ऊर्जा उपकरण और केंदु पत्तियों पर भी राहत

सौर ऊर्जा उपकरणों पर भी अब केवल 5% GST लगेगा, पहले यह 12% था। इससे किसान अब सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई उपकरण सस्ते में खरीद सकेंगे, जिससे सिंचाई की लागत कम होगी और खेती सस्ती पड़ेगी।

वहीं, केंदु पत्तियों, जो ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदायों की आजीविका का एक बड़ा स्रोत हैं, उन पर भी GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे इन इलाकों के किसानों और वन उपज पर निर्भर लोगों को बड़ा फायदा होगा।

मालवाहक वाहनों पर GST में कटौती से कृषि माल ढुलाई सस्ती

ट्रक, डिलीवरी वैन जैसे व्यावसायिक वाहनों पर अब GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। ट्रक देश की सप्लाई चेन की रीढ़ हैं और 65–70% माल इन्हीं से ढोया जाता है।

GST घटने से ट्रकों की कीमतें कम होंगी, जिससे माल ढुलाई की लागत घटेगी। इसका सीधा असर कृषि उत्पादों की ट्रांसपोर्ट लागत पर पड़ेगा। अब किसानों का माल बाजार तक कम खर्च में और जल्दी पहुंचेगा। इससे भारत के कृषि निर्यात को भी फायदा होगा और देश की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी।

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