डॉ. पाठक द्वारा राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो के नवाचार अनुसंधान की सराहना
31 अगस्त 2023, बैंगलुरू: डॉ. पाठक द्वारा राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो के नवाचार अनुसंधान की सराहना – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं सचिव डॉ. हिमांशु पाठक ने गत दिनों राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो (एनबीएआईआर) का भ्रमण कर संस्थान की उपलब्धियों, नवाचारों तथा उसके योगदान की सराहना की। उन्होंने कीटों के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय का अवलोकन भी किया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ. एस.एन. सुशील भी उपस्थित थे।
डॉ. अंकिता गुप्ता,वरिष्ठ वैज्ञानिक ने संग्रहालय के भव्य संग्रह , शिक्षा और अनुसंधान की जानकारी दी . भ्रमण कार्यक्रम में अत्याधुनिक आईसीएआर-एनबीएआईआर प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए विशिष्ट स्टालों का एक व्यापक अवलोकन भी शामिल था। आई. सी. ए. आर.-एन. बी. ए. आई. आर. की बेंगलुरू प्रयोगशालाओं से उभरते नवाचारों के लिए महानिदेशक डॉ पाठक ने प्रशंसा की । इन अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियों ने कृषि तकनीक को आगे बढ़ाने और कीट प्रबंधन रणनीतियों को परिष्कृत करने के लिए संस्थान की दृढ़ प्रतिबद्धता दिखाई ।
उल्लेखनीय उदाहरणों में डॉ. ए. एन. शायलेशा और डॉ. संपत के नेतृत्व में कसावा मिलीबग नियंत्रण के लिए ए. लोपज़ी-आधारित दृष्टिकोण, विभाग के प्रमुख डॉ. केशवन सुबाहरन और डॉ. दीपा भगत द्वारा विकसित धीमी गति से जारी होने वाले फेरोमोन के सरल सूत्रीकरण के साथ-साथ कीट का शीघ्र पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया अग्रणी नैनोसेंसर शामिल था। महानिदेशक ने वैज्ञानिक डॉ. ऋचा वार्सनी के नेतृत्व में कीटों और परजीवीयों के अध्ययन और डॉ. सेल्वराज द्वारा विकसित इसारिया फ्यूमोरोसा के माध्यम से रुगोज व्हाइटफ्लाई के नियंत्रण की सराहना की। डॉ. महेश यांडेगिरी द्वारा विकसित ब्लैक सोल्जर फ्लाई तकनीक के बहुआयामी प्रयोगों को भी उनकी उल्लेखनीय क्षमता के लिए चुना गया। इस अवसर पर महानिदेशक डॉ पाठक ने अनुसंधान और विकास परिदृश्य को उन्नत करने के लिए संसथान द्वारा किए जा रहे रणनीतिक उपायों पर मार्ग दर्शन दिया |
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