पराली जलाने वालों से एमएसपी पर खरीदी नहीं करे: सुप्रीम कोर्ट
वायु प्रदूषण पर सख्त सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को दी सलाह
22 नवम्बर 2023, नई दिल्ली: पराली जलाने वालों से एमएसपी पर खरीदी नहीं करे – कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब में पराली जलना बंद न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है । कोर्ट ने कहा कि जो किसान पराली जला रहे हैं, उन्हें कोई आर्थिक लाभ क्यों मिलना चाहिए। जिन्होंने पराली जलाई है और रेड फ्लैग हैं, उन पर एफआइआर दर्ज होने और जुर्माना लगाने के अलावा ऐसे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ से वंचित किया जाना चाहिए। सरकार को कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे उनकी जेब पर चोट हो।
हरियाणा कर सकता है तो पंजाब क्यों नहीं
कोर्ट ने पराली जलने से रोकने में पंजाब सरकार के रवैये पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब हरियाणा कर सकता है तो पंजाब क्यों नहीं कर सकता। कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि वह अगली तारीख पर बताए कि उसने पराली जलाने पर कितने किसानों पर जुर्माना लगाया और उसमें से कितना वसूला गया। कोर्ट ने फिर कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने या एक को दूसरे से तुलना नहीं की जानी चाहिए। केंद्र और राज्य को राजनीति भूल कर दीर्घकालिक हल ढूंढना चाहिए। ये टिप्पणियां, सुझाव और आदेश न्यायमूर्ति श्री संजय किशन कौल और श्री सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई के दौरान दिये।
पंजाब ने कहा ?
पंजाब ने कहा कि पहले की तुलना में पराली जलना कम हुआ है। 984 एफआइआर दर्ज की गईं हैं। दो करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। खेत में पराली जलना रोकने के लिए उड़न दस्ते बनाए गए हैं, लेकिन लोग उन्हें पहुंचने नहीं देते, रास्ता बाधित किया जाता है। कानून व्यवस्था की भी दिक्कत हो रही है। इस पर पीठ ने कहा कि आदेश में एसएचओ को जिम्मेदार बनाया गया है। आप कानून व्यवस्था की बात नहीं कह सकते।
इस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने केंद्र की स्टेटस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब ने सिर्फ 6621 पर्यावरण क्षति पूर्ति लगाई है। पंजाब ने 3415 चालान हुए और 86.8 लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया और 473 एफआइआर दर्ज हुईं हैं।
कोर्ट ने पंजाब को समस्या का हल बताते हुए कहा कि जो लोग पराली जला रहे हैं, उन्हें आर्थिक लाभ क्यों मिलना चाहिए। पराली जलाने वाले किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि धान की जगह वैकल्पिक फसल का सुझाव दीर्घकालिक योजना है, लेकिन अभी उनका लाभ रोका जाना चाहिए। जो लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनकी जेब पर चोट पड़नी चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने पराली का पूरा काम मैकनाइज करने का भी सुझाव दिया और कहा कि इसमें फायदा है। बड़े किसान इससे भी लाभ कमा रहे हैं।
सुझाव
कोर्ट ने सुझाव दिया कि अगर छोटे किसान मशीन किराए पर लेने और उसमें ईंधन व श्रमिक का खर्च नहीं उठा पा रहे तो सरकार 100 फीसदी आर्थिक मदद दे और पराली खुद ले ले, जिसे बाद में वह उससे लाभ कमा ले। कोर्ट ने कहा कि अगर हरियाणा और यूपी ऐसा कर सकता है तो पंजाब क्यों नहीं कर सकता। वास्तविकता यह है कि पंजाब में पराली अभी भी जल रही है।
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