केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाई रोक, छोटे और सीमांत किसानों पर पड़ेगा असर
22 जुलाई 2023, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाई रोक, छोटे और सीमांत किसानों पर पड़ेगा असर – भारत सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाकर निर्यात नीति में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया है। पूर्व में गैर-बासमती चावल का विदेश व्यापार ‘20% के निर्यात शुल्क के साथ मुक्त’ था । ऐसा भारतीय बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और घरेलू बाजार में कीमतों में वृद्धि को कम करने के लिए किया गया है।
बाजार में चावल की घरेलू कीमतें बढ़ती जा रही हैं। खुदरा कीमतों में एक साल में 11.5% और पिछले महीने में 3% की वृद्धि हुई है।
सरकार कि इस निषेध अधिसूचना पर पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के सीईओ और महासचिव सौरभ सान्याल ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी (आईएएस) को संशोधन का अनुरोध करते हुए एक प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया। चैंबर ने उल्लेख किया कि इस अधिसूचना से छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय नुकसान होगा और छोटे, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कीमत कम करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 8 सितंबर 2022 को गैर-बासमती सफेद चावल पर 20% का निर्यात शुल्क लगाया गया था। हालाँकि, 20% निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद भी इस किस्म का निर्यात 33.66 एलएमटी (सितंबर-मार्च 2021-22) से बढ़कर 42.12 एलएमटी (सितंबर-मार्च 2022-23) हो गया। चालू वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-जून) में, चावल की इस किस्म का लगभग 15.54 एलएमटी निर्यात किया गया था, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-जून) के दौरान केवल 11.55 एलएमटी निर्यात किया गया था, यानी 35% की वृद्धि हुई थी। निर्यात में इस तेज वृद्धि को भू-राजनीतिक परिदृश्य, अल नीनो भावनाओं और अन्य चावल उत्पादक देशों में चरम जलवायु परिस्थितियों आदि के कारण उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
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