National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

अरहर उत्पादन घटा, दाम 28 प्रतिशत तक बढ़े

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04 अगस्त 2023, नई दिल्ली: अरहर उत्पादन घटा, दाम 28 प्रतिशत तक बढ़े – भारत में पिछले कुछ समय से दलहन फसलों के कम उत्पादन के चलते इनके दामों में उछाल देखे जा रहे हैं। खासकर अरहर और उड़द दाल के दाम लगातार बड़ रहे हैं। दालों की बढ़ती कीमतों के बीच लोकसभा के एक प्रश्न के उत्तर में जवाब देते हुए उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बताया कि अरहर  दाल और उड़द दाल की अखिल भारतीय और खुदरा कीमतों में वर्ष-प्रति-वर्ष आधार पर क्रमशः 28.31 प्रतिशत और 8.07 प्रतिशत वृध्दि हुई हैं।

सरकार ने 26 जून .2023 को राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) को उपभोक्ताओं के लिए अरहर दाल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मिलर्स को ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से अरहर  दाल का निपटान करने का निर्देश दिया हैं। निपटान के लिए 50,000 मीट्रिक टन का अनंतिम लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं। अब तक 4,236.59 मीट्रिक टन का निपटान किया जा चुका हैं। श्री गोयल ने बताया कि अरहर  और उड़द सहित दालों की कीमतों में, किसानों को मिलने वाले दाम , मौसम की स्थिति आदि के कारण क्षेत्र कवरेज में बदलाव के कारण , उत्पादन में  साल-दर-साल उतार-चढ़ाव देखा जाता हैं। कीमतें मौसमी उतार-चढ़ाव के अध्यधीन भी होती हैं। कीमतें अधिक और कम खपत वाले महीनों, फसल कटाई और बाजार आगमन के साथ-साथ बुआई की प्रगाति, फसल की स्थिति से उत्पन्न बाजार भावनाओं के कारण मौसमी उतार-चढ़ाव के अधीन भी होती हैं।  

क्यों बढ़ रहे दालों के दाम

भारत में माह-दर-माह आधार पर, तूर दाल और उड़द दाल की खुदरा कामतों में वृध्दि का कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति और कर्नाटक और महाराष्ट्र में अरहर दाल की फसल पर विल्ट रोग के हमले के कारण गत वर्ष 2022-23 में  उत्पादन कम हुआ  हैं। इसके कारण भी अरहर व उड़द दाल की कीमतों में उछाल आ रहा हैं।

अरहर से हटा 10 प्रतिशत आयात शुल्क

सरकार ने अरहर और उड़द दाल की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में वृध्दि को रोकने के लिए इन दालों के आयात को 31मार्च 2024 तक निशुल्क श्रेणी में रखा गया हैं। इसके साथ ही सुचारू और निर्बाध आयात सुविधा के लिए अरहर दाल पर 10 फीसदी का आयात शुल्क हटा दिया गया हैं।

अरहर और उड़द पर लगाई स्टॉक सीमा

केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द दाल की कीमतों में तेजी के चलते इन दालों पर आवश्यक अधिनियम 1955 के तहत, 2 जून 2023 को 31 अक्टूबर 2023 तक की अवधि के लिए स्टॉक लिमिट लगा दी हैं। दालों पर स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, और मिलर्स पर लागू होती हैं और इसका उद्देश्य जमाखोरी को रोकना हैं।

इसके अलावा व्यापारियों, डीलरों, आयातकों और मिलर्स जैसी संस्थाओं द्वारा रखें गए स्टॉक की ऑनलाइन स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल के माध्यम  से लगातार निगरानी की जा रही हैं। साथ ही अरहर दाल की कीमतों में वृध्दि को रोकने के लिए बफर से अरहर दाल का निपटान जारी रखा गया हैं।

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