13,000 करोड़ की नई योजना ‘पीएम विश्वकर्मा’ को मिली मंजूरी
पहले चरण में अठारह पारंपरिक क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा
22 अगस्त 2023, नई दिल्ली: 13,000 करोड़ की नई योजना ‘पीएम विश्वकर्मा’ को मिली मंजूरी – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पांच साल की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) के लिए 13,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ केंद्रीय क्षेत्र की नई योजना “पीएम विश्वकर्मा” को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करना और बढ़ावा देना है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचानपत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत बाद में कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों व शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। पीएम विश्वकर्मा के तहत पहले चरण में अठारह पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया जाएगा। इन व्यवसायों में 1. बढ़ई (सुथार); 2. नाव निर्माता; 3. अस्त्र बनाने वाला; 4. लोहार 5. हथौड़ा और टूल किट निर्माता; 6. ताला बनाने वाला; 7. गोल्डस्मिथ (सुनार); 8. कुम्हार; 9. मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला); 10. मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर; 11. मेसन (राजमिस्त्री); 12. टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर; 13. गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); 14. नाई; 15. माला बनाने वाला; 16. धोबी; 17. दर्जी और 18. मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।
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