कम्पनी समाचार (Industry News)

यूपीएल को डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में 76 का स्कोर मिला

05 दिसम्बर 2023, मुंबई: यूपीएल को डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में 76 का स्कोर मिला – वहनीय कृषि समाधानों की वैश्विक प्रदाता, यूपीएल लिमिटेड ने एसएंडपी ग्लोबल स्विट्जरलैंड द्वारा संचालित डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) में 76 का स्कोर हासिल किया है, जो उद्योग के औसत 24 से बेहतर है। कंपनी को विश्व स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली एग्रोकेमिकल (कृषि रसायन) कंपनियों में शीर्ष स्थान पर और दुनिया भर में शीर्ष 1% रासायनिक कंपनियों में से शुमार किया गया। यह उपलब्धि, यूपीएल की वहनीयता और कृषि उद्योग की डीकार्बनाइजेशन (विकार्बनीकरण) क्षमता के दोहन के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस साल, संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू की गई एसबीटीआई ने यूपीएल के विज्ञान आधारित लक्ष्यों को मान्य और अनुमोदित किया है। पिछले 3 साल में, यूपीएल ने अपने कार्बन उत्सर्जन में 21%, पानी की खपत में 40% और अपशिष्ट स्तर में 57% की कमी की है। यूपीएल ने हाइब्रिड सौर-पवन ऊर्जा बिजली संयंत्र स्थापित करने और अपने नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग को 30% तक बढ़ाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों के साथ भी साझेदारी की है।

यूपीएल ग्रुप के चेयरमैन और ग्रुप सीईओ श्री जय श्रॉफ

यूपीएल ग्रुप के चेयरमैन और ग्रुप सीईओ श्री जय श्रॉफ ने कहा,  ” हम किसानों और खाद्य प्रणालियों के लिए वहनीयता तय करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाकर, हम अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने, अपनी सामाजिक जिम्मेदारी पहल को मजबूत करने और अपनी शासन प्रथाओं में सुधार करने के लिए साहसिक कदम उठा रहे हैं और हमें गर्व है कि डीजेएसआई ने इसे मान्यता दी है। हम अपने उद्योग के लिए नई जमीन तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम अपनी 2040 तक की कार्बन-तटस्थ प्रतिबद्धता के करीब पहुंच रहे हैं और ऐसे में हम वहनीयता की पहल को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।”

यूपीएल का शाश्वत मिठास – सस्टेनेबल शुगर प्रोग्राम वहनीयता की पहल में और अधिक योगदान देता है, जो वहनीयता के प्रति कंपनी के दृढ़ समर्पण का उदाहरण है। यह परियोजना पूरे भारत में यूपीएल और चीनी मिलों के बीच अभूतपूर्व सहयोग की प्रतीक है, जिसका लक्ष्य है, गन्ना किसानों के लिए वहनीय समाधान प्रदान करना। यह अग्रणी पहल गन्ना किसानों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करती है, जिनमें खराब पैदावार, बढ़ती लागत, श्रम की कमी और पानी की कमी शामिल है। चीनी की खेती की पानी और संसाधन की अत्यधिक खपत की प्रकृति को पहचानते हुए, यूपीएल प्रोनुटिवा पहल को लागू करके उद्योग को बदलना चाहती है, जो सुरक्षा और पोषण को जोड़ती है। इस पहल में ज़ेबा का उपयोग भी शामिल है, जो प्राकृतिक स्टार्च से प्राप्त एक पेटेंट स्मार्ट तकनीक है, जो पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है। 2021 में, 2 लाख एकड़ के दायरे से जुड़े 135,000 किसानों ने ज़ेबा को अपनाया, जिससे 58 अरब लीटर पानी की बचत हुई, उर्वरक के उपयोग में 25% की कमी आई और बिजली की लागत में 1,500 रुपये प्रति एकड़ और मजदूरी पर प्रति एकड़ 1,000 रुपये की कमी आई। कुल मिलाकर, ज़ेबा ने औसत किसान को 5,000 रुपये से भी कम अतिरिक्त खर्च पर 22,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त आय अर्जित करने में मदद की।इसके अतिरिक्त, प्रोन्यूटिवा के क्रियान्वयन से मूंगफली की फसल की पैदावार बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप गुजरात के मूंगफली उत्पादन में तीन गुना वृद्धि हुई है।

अपने उत्पादों के अलावा, यूपीएल एकीकृत कृषि सेवाएं भी प्रदान करती है, जो किसानों को आईपीएल किट, मृदा परीक्षण, मौसम, फसल सलाह और मशीनीकरण सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे उन्हें टिकाऊ सटीक खेती करने के लिए सशक्त बनाया जाता है। डीजेएसआई एक प्रतिष्ठित बेंचमार्क है, जो विश्व स्तर पर शीर्ष वहनीय कंपनियों की पहचान करती है और उन्हें प्रदर्शित करती है। इसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा आयोजित कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेस्मेंट (सीएसए) के माध्यम से तैयार किया गया है, जो एसएंडपी ग्लोबल बीएमआई के भीतर सबसे बड़ी 2,500 कंपनियों में से शीर्ष 10% का प्रतिनिधित्व करता है। डीजेएसआई में शामिल कंपनियों का चयन दीर्घकालिक आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक मानदंडों को शामिल करते हुए कठोर मूल्यांकन के आधार पर किया जाता है, इसलिए यह वहनीय व्यावसायिक प्रथाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संगठनों के लिए प्रतिष्ठित मान्यता है।

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