कम्पनी समाचार (Industry News)

किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी आवश्यक: कृषि विशेषज्ञ

19 जुलाई 2024, रायपुर: किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी आवश्यक: कृषि विशेषज्ञ – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और एग्री इनपुट कंपनी धानुका एग्रीटेक ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करने के लिए सहयोग किया है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV), रायपुर में गत दिनों  एक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला आईसीएआर और धानुका एग्रीटेक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा, “सरकार कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा दे रही है। ऐसे सहयोग संसाधनों, विशेषज्ञता, और नवाचारों का उपयोग करते हुए कृषि विस्तार सेवाओं की पहुंच और प्रभावशीलता को बढ़ा सकते हैं।”

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विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाना आवश्यक है जिससे कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि हो सके। धानुका ग्रुप के चेयरमैन, डॉ. आर. जी. अग्रवाल ने कहा, “भारतीय खेती में आईटी, आईओटी, प्रिसिजन एग्रीकल्चर, और ड्रोन जैसी उन्नत तकनीकों को शामिल करने की तत्काल आवश्यकता है। यह प्रति एकड़ कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो कि कुछ विकसित और विकासशील देशों जैसे चीन के मुकाबले बहुत कम है।”

नकली कीटनाशक बनाने वालों पर नकेल हो

डॉ. अग्रवाल ने बाढ़ सिंचाई से ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे पानी की बचत हो सके और इसके उपयोग को अधिकतम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धी बाजार, गोदाम और शीत भंडारण सुविधाओं की आवश्यकता है जिससे किसान अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें। डॉ. अग्रवाल ने यह भी कहा कि गुणवत्तापूर्ण कृषि-इनपुट्स तक पहुंच में सुधार की आवश्यकता है। बाजार में उपलब्ध कई महत्वपूर्ण कृषि-इनपुट्स जैसे बीज, उर्वरक और कीटनाशक निम्न गुणवत्ता के होते हैं। नकली उत्पादों से खेती की उत्पादकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है, और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।

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इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों, कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs), और सभी संबंधित हितधारकों को उपलब्ध सर्वोत्तम कृषि तकनीकों का प्रसार करना था। कार्यशाला का लक्ष्य देश के 14 करोड़ से अधिक किसान परिवारों की उत्पादन, उत्पादकता, और कृषि आय में महत्वपूर्ण वृद्धि करना था।

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धानुका एग्रीटेक और आईसीएआर का एमओयू

धानुका एग्रीटेक ने इस वर्ष की शुरुआत में आईसीएआर के साथ एक व्यापक एमओयू  पर हस्ताक्षर किए थे। यह MoU आईसीएआर और धानुका के संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठाकर कृषि विस्तार और अनुसंधान गतिविधियों को मजबूत करेगा । इस साझेदारी का उद्देश्य उन्नत कृषि तकनीकों का  संयुक्त प्रसार कर  भारतीय कृषि को और अधिक सजीव बनाना है।

कार्यशाला में IGKV के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल , NIBSM के निदेशक डॉ. पी. के. घोष सम्मानित अतिथि थे। विशेष अतिथियों में IISR के निदेशक डॉ. के. एच. सिंह; DWR के निदेशक डॉ. जे. एस. मिश्रा; ATARIs Zone-IX के निदेशक डॉ. एस. आर. के. सिंह; ICAR-NIBSM के संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. कल्याण के. मोंडल; NIBSM (स्कूल ऑफ क्रॉप हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च) के संयुक्त निदेशक डॉ. अनिल दीक्षित और ASRB, ICAR के पूर्व सदस्य डॉ. पी. के. चक्रवर्ती शामिल थे। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी 81 KVKs के वैज्ञानिक भी कार्यशाला में उपस्थित थे।

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