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प्रॉमिस : बीज से लेकर फल तक सर्वश्रेष्ठता का वादा

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22 फरवरी 2021, इंदौर । प्रॉमिस : बीज से लेकर फल तक सर्वश्रेष्ठता का वादा– साइटोजाइम लैब अमेरिका द्वारा बहु स्तरीय किण्वन की विश्वस्तरीय तकनीक द्वारा वानस्पतिक अर्कों के मिश्रण से निर्मित प्रॉमिस ऐसा जैविक उत्पाद है जो बीज से लेकर फल तक अपनी सर्वश्रेष्ठता का वादा करता है। प्रॉमिस को लेकर खंडवा जिले के एक किसान ने अपने अनुभव साझा किए हैं।

खंडवा जिले के खालवा ब्लॉक के ग्राम पाडल्या माल के किसान श्री दीपांशु राठौर ने बताया कि 3 एकड़ में गेहूं की 1544 किस्म बोई है ,जिसमें वी.एस.पी. एग्रो साल्यूशंस के सहयोग से उपलब्ध प्रॉमिस का पहली बार प्रयोग के तौर पर दो पंक्तियों (लांगी) में दो बार स्प्रे किया था। इससे गेहूं का कलर भी अच्छा है और बालियों का वजन भी ज्यादा मिला। प्रॉमिस के प्रयोग वाली बालियों का वजन 12 ग्राम मिला, जबकि जहां प्रॉमिस का प्रयोग नहीं किया उन बालियों का वजन 8 ग्राम मिला। इससे उत्पादन अच्छा मिलने की उम्मीद है।

प्रॉमिस के बारे में

प्रॉमिस अपनी अनूठी कार्य विधि से फसलों की अनुवांशिक क्षमता को तो प्रदर्शित करता ही है, विभिन्न ऋतुओं के ठंड, गर्मी और वर्षा से जुड़े जैविक और अजैविक तनावों को सहन करने की क्षमता में वृद्धि कर भरपूर उत्पादन देता है। प्रॉमिस में ग्लायसिन बिटेन की मात्रा 20 ,900 मिली ग्राम /लीटर है, जो विश्व के शीर्ष उत्पादों की तुलना में अधिकतम है। यह प्रकाश संश्लेषण बढ़ाने में सहायक होता है। विभिन्न प्रयोगों से यह सिद्ध हुआ है कि प्रॉमिस 13 -17 प्रतिशत उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करता है। कहा जा सकता है कि प्रॉमिस बीज से लेकर फल तक सर्वश्रेष्ठता का जो वादा करता है वह सही है।

प्रयोग विधि

प्रॉमिस की 2 मि.ली /लीटर पानी में या 250 -300 मि.ली /एकड़ की दर से पौधों की वानस्पतिक, फूल और फल बनने की अवस्था में प्रयोग करने की अनुशंसा की गई है, जबकि बार -बार तुड़ाई वाली सब्जियों जैसे मिर्च, टमाटर और भिंडी में प्रत्येक तुड़ाई के बाद प्रयोग करने की सलाह दी गई है।

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