Horticulture (उद्यानिकी)

धान के बाद गेहूं लगाओ, ट्रॉपिकल से भरपूर उत्पादन पाओ

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श्री महेंद्र सिंह मीणा

भोपाल। सामान्यत: किसानों में यह धारणा होती है कि धान की फसल के बाद उसी खेत में गेहूं की अच्छी पैदावार नहीं मिलती है। लेकिन ट्रॉपिकल के जैविक उत्पादों ने यह धारणा को तोड़ा है। विदिशा जिले के ग्राम धतुरिया के युवा कृषक श्री महेन्द्र सिंह मीणा बताते हैं कि उन्होंने धान की फसल लेने के बाद उसी खेत में गेहूं का भी भरपूर उत्पादन लिया। उनके अनुसार यह संभव हुआ ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम लि. के जैविक उत्पादों के प्रयोग से। उन्होंने दोनों ही फसलों में प्रारंभ से लेकर अंत तक इन्हीं उत्पादों का प्रयोग किया। श्री महेन्द्र ने ट्रॉपिकल के टैगपोली, नासा, टैगनोंक, सीडरिच आदि उत्पादों का उपयोग धान व गेहूं की फसल में विभिन्न अवस्थाओं में किया। उन्हें गेहूं का औसत उत्पादन 12 क्विंटल प्रति बीघा मिला।
चने में भी लाभकारी

श्री गजानंद गुर्जर
श्री भोजराम लोधी

ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम के जैविक उत्पाद से चना उत्पादक किसान भी संतुष्ट हैं। देवास जिले के ग्राम भवरस के किसान श्री गजानंद गुर्जर ने अपनी 10 एकड़ की चने की फसल में बीजोपचार के लिए नाइट्रोरिच, बोवनी के समय नासा एवं नैनोफॉस एवं उसके बाद टैग बायो व टैगपाली का उपयोग किया। परिणाम स्वरूप उन्हें चने की 12 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार मिली। इसी तरह रायसेन जिले के ग्राम श्री भोजराम लोधी ने चने की फसल में ट्रॉपिकल के ब्लैक मैजिक का उपयोग किया जिससे उन्हें चने के दाने की क्वालिटी व चमक बहुत अच्छी मिली तथा उत्पादन भी पिछले साल की तुलना में अधिक मिला।

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