फसल की खेती (Crop Cultivation)

टमाटर का रस

टमाटर रस तैयार करने के लिए केवल पौधे पर पका हुआ लाल टमाटर का उपयोग करें धब्बे युक्त हरे तथा अधिक पके हुए पिलपिले टमाटर को अलग कर दें, क्योंकि इसके कारण रस की गुणवत्ता खराब हो सकती है। जूस का उत्पादन, रंग तथा उसके महक टमाटर की परिपक्वता एवं उसकी उगाये जाने वाले समय एवं स्थान पर निर्भर करती है यह निर्धारित करने के लिए टमाटर जूस अच्छी किस्म का है निम्रलिखित बातों का ध्यान रखे।

  •  जूस गहरे लाल रंग का होना चाहिए। द्य जूस में टमाटर का वास्तविक स्वाद एवं गंध होना चाहिए।
  •  जूस की एसिडिटी साइट्रिक एसिड के रुप में 0.4 प्रतिशत हो।
  •  ताजे टमाटर में उपस्थित विटामिंस की मात्रा जूस  में पहुंच जाती है। जूस में इसकी धारण करने की क्षमता, जूस  निकालने की विधि पर निर्भर करता है। यह देखा गया है कि बीटा कैराटीन आक्सीकरण या ऊष्मा के प्रति कुछ हद तक सहनशील है जबकि विटामिन सी की कुछ मात्रा का हृास होता है।
  •  गुणवत्ता में समरसता लाने के लिए टमाटर का एक स्थान और एक ढ़ेर से लें या जूस का उचित मिश्रण करें।

जूस तैयार करने की विधि- जूस तैयार करने के लिए निम्रलिखित क्रियाएं समायोजित की जाती हैं।
धोना एवं अनुपयुक्त भाग को अलग करना- टमाटर को सिर्फ पानी से धो लेना ही पर्याप्त नहीं होता है क्योंकि बहुत सारी गंदगी तथा सूक्ष्म जीव जो कि टमाटर की झुर्रियों, फटे हुए भाग तथा मुड़ें हुए व अन्य भागों से चिपके रहते हैं। वे आसानी से केवल पानी से धो लेने से अलग नहीं होते हैं। अच्छी धुलाई के लिए टमाटर को पर्याप्त बहते हुए पानी में धो लें।
कुचलना- ट्रिमिंग के बाद टमाटर को 4-6 टुकड़ों में काटते हैं। ताकि उबालने के दौरान टमाटर मुलायम हो जाये इसके बाद लकड़ी के बड़े चम्मच से कुचलकर या फ्रूट ब्रशर द्वारा ब्रिशिंग की जाती है।
पल्प तैयार करना- टमाटर का पल्प दो विधियों से तैयार करते हैं।
अ-गर्मविधि, ब- ठण्डी विधि
गर्मविधि- कुचले हुए टमाटर को उसके रस के साथ 3-5 मिनिट तक उबालते हैं जिससे पल्प तैयार करने की क्रिया आसान हो जाती है। इस विधि को निम्र लिखित फायदे है- द्य बीज और छिलके में उपस्थित पेक्टिन जूस में मिल जाती है जिससे जूस गाढ़ा हो जाता है। तथा उपस्थित एंजाईम नष्ट हो जाती है। द्य उबालने के कारण आंशिक रुप से जूस पाश्चुरीकृत हो जाता है। तथा आक्सीकरण और सड़ाने वाले सूक्ष्मजीव निष्क्रिय हो जाते हैं।

  •  जूस का उत्पादन दूसरी विधि की अपेक्षा ज्यादा होता है।
  •  कम पकाने के कारण छिलके में उपस्थित लाल रंग निकलकर जूस में मिल जाता है।
    ठण्डी विधि- कुचले हुए टमाटर को ठण्डे रुप में ही पल्पर में डालकर पल्प तैयार किया जाता है। इस विधि में निन्म कमियां है-
  •  जूस का उत्पादन गर्म विधि की अपेक्षा कम मिलता है।
  •  जूस निकालने के दौरान जूस में हवा प्रवेश कर जाती है। जिसके कारण विटामिन सी का आक्सीकरण हो जाता है।
  •  इस विधि से प्राप्त जूस अपेक्षाकृत हल्के रंग का होता है।
  •  कुचलना तथा पल्प तैयार करने की क्रिया शीघ्रता से सम्पन्न करनी पड़ती है जिससे कि शुरू में सूक्ष्म जीवों द्वारा सडऩे से रोका जा सकें।

जूस प्राप्त करना- व्यावसायिक विधि तथा घरेलू विधि से जूस प्राप्त करने के लिए व्यावसायिक तौर पर दो विधियां उपयोग में लाई जाती है।
स्क्रू प्रेस द्वारा – इसमें एक लम्बी घुमावदार स्क्रू होती है जो झुकी हुई जाली के बीच में घूमती है जिसके कारण टमाटर दबकर जूस छन कर निकल जाता है तथा छिलका एवं बीज दूसरे सिरे पर निकल जाते हैं। क्रस किये हुए टमाटर को ऊपर स्थित हापर में डालकर भेजता है।
पल्पर द्वारा- इसमें क्रस किए टमाटर को साइक्लोन से गुजारा जाता है। जिसके कारण जूस बाहर आता है। इस विधि में यह मुख्य खराबी है कि जूस में हवा की थोडी सी मात्रा प्रवेश कर जाती है।
घरेलू विधि- घरेलू स्तर पर स्टेनलेस स्टील या निकिल की छन्नियों से जिनमें एक मिलीमीटर व्यास के छिद्र होते है कि मदद से जूस प्राप्त किया जाता है। कुल टमाटर की मात्रा का लगभग 60 प्रतिशत से अधिक जूस प्राप्त नहीं करना चाहिए क्योंकि जूस की अधिक मात्रा प्राप्त करने से कारण जूस अधिक गाढ़ा होकर गंध की जमी हो जाती है। औसतन जूस में कुल घुलनशील ठोस की मात्रा 5.66 प्रतिशत आपेक्षित घनत्व-1.024 तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड पर होना चाहिए, जो रेफे्रक्टोमीटर तथा हाइड्रोमीटर द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।

शक्कर एवं नमक मिलाना- सामान्यत: जूस का मोहक स्वाद एवं गंध बढ़ाने के लिए 0.4-0.6 प्रतिशत सादा नमक एवं शक्कर की मात्रा लगभग 1 प्रतिशत मिलाना चाहिए। पैकिंग- तैयार टमाटर ज्यूस की बाटलिंग एवं कैनिंग दोनों की जा सकती है सुविधानुसार पैकिंग की जो विधि उपलब्ध हो उसका उपयोग करें। कैण्ड (डिब्बाबंद) जूस अधिक पसंद किया जाता है।

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *