देश में खरीफ बोनी 278 लाख हेक्टेयर पार
गत वर्ष की तुलना में 16 लाख हेक्टेयर की कमी
- (विशेष प्रतिनिधि)
5 जुलाई 2022, नई दिल्ली । देश में खरीफ बोनी 278 लाख हेक्टेयर पार – देश में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी के बीच खरीफ फसलों की बुवाई धीमी गति से चल रही है। इसका मुख्य कारण मानसून का ठिठकना एवं असामान्य वितरण को माना जा रहा है इस कारण जून माह में औसत से कम बारिश हुई। देश में 1 जुलाई तक 278 लाख 72 हजार हेक्टेयर में बोनी हो गई है जबकि गत वर्ष अब तक 294 लाख 42 हजार हेक्टेयर में बुवाई हो गई थी। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में लगभग 16 लाख हेक्टेयर की कमी बनी हुई है। हालांकि दलहन, मोटे अनाज एवं कपास की बोनी अधिक क्षेत्र में हुई परंतु अन्य फसलों के रकबे में कमी आई है।
दलहन की बुवाई बढ़ी
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दलहन का रकबा बढक़र अभी तक 28.06 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो 1 जुलाई तक की समान अवधि में 26.33 लाख हेक्टेयर था, इसमें अरहर की बुवाई 10.57 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 12.27 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। उड़द की बुवाई अब तक 3.45 लाख हेक्टेयर में की गई है। वहीं मूंग की बुवाई 10.76 लाख हेक्टेयर हुई है जो गत वर्ष अब तक 8.17 लाख हेक्टेयर में हो गई थी।
मोटे अनाज के रकबे में तेजी
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक मोटे अनाज की बुवाई में तेजी आई है मक्का की बुवाई अब तक 19.03 लाख हेक्टेयर में की गई है गत वर्ष इस अवधि में 22.09 लाख हेक्टेयर में हुई थी। परन्तु समग्र रूप से मोटे अनाज का रकबा बढ़ा है। अभी तक कुल 37.07 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज वाली फसलों की बुवाई हो पाई है, जो गत वर्ष इस अवधि में 36.32 लाख हेक्टेयर में हुई थी। ज्वार 1.78 लाख हेक्टेयर में बोया गया है, बाजरा भी 15.01 लाख हेक्टेयर में बोया गया है।
तिलहनों की बुवाई धीमी
तिलहन का कुल रकबा 46.34 लाख हेक्टेयर हो गया है जो गत वर्ष अब तक 50.36 लाख हेक्टेयर था। देश के मध्य क्षेत्र के किसानों की दशा-दिशा बदलने वाली सोयाबीन अभी भी किसानों की पहली पसंद बनी हुई है सोयाबीन की बुवाई अब तक गत वर्ष के 30.29 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 30.52 लाख हेक्टेयर में बोई गई है इसी प्रकार मूंगफली की बुवाई 18.28 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 13.71 लाख हेक्टेयर में की गई है, सूरजमुखी की बुवाई 1.07 लाख हेक्टेयर में हुई है। गन्ने का रकबा समान अवधि के दौरान 53.41 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 52.92 लाख हेक्टेयर हो गया है। जूट और मेस्टा का रकबा 6.80 लाख हेक्टेयर हो गया है वहीं कपास का रकबा 64.08 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो गत वर्ष इसी अवधि के दौरान 61.73 लाख हेक्टेयर था।
मानसून को लेकर अच्छी खबर है। मौसम विभाग ने कहा है कि देश में जुलाई में 94 प्रतिशत से 106 प्रतिशत के बीच औसत बारिश होने की संभावना है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मानसून देरी से पहुंचा, लेकिन जुलाई के पहले दिन से सभी जगह जोरदार बारिश हुई। कहीं किसानों को फायदा होता नजर आ रहा है, वहीं, मध्य प्रदेश के भोपाल में दो घंटे में 3.2 इंच पानी गिरा। पूरे जून में इतनी बारिश नहीं हुई, जितनी एक दिन में हो गई।
देश में प्रमुख खरीफ फसलों की बुवाई
इकाई : लाख हे. में (1 जुलाई 2022 की स्थिति)
फसल | बुवाई | |
इस वर्ष | गत वर्ष | |
धान | 43.45 | 59.56 |
दलहन | 28.06 | 26.23 |
अरहर | 10.57 | 12.27 |
मोटा अनाज | 37.07 | 36.32 |
मक्का | 19.03 | 22.09 |
तिलहन | 46.34 | 50.36 |
मूंगफली | 13.71 | 18.28 |
सोयाबीन | 30.52 | 30.29 |
गन्ना | 52.92 | 53.41 |
कपास | 64.08 | 61.73 |
कुल | 278.72 | 294.42 |
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