मक्का की फसल में महावीरा ज़िरोन का महत्व
16 जून 2023, इंदौर: देश की प्रसिद्ध कम्पनी आर.एम.फॉस्फेट्स प्रा.लि.का उत्पाद महावीरा ज़िरोन सभी फसलों में उपयोगी है। सोयाबीन, कपास और मिर्च के बाद मक्का फसल में इसके महत्व और प्रभाव के बारे में जानेंगे।
कम्पनी के कम्पनी के हेड एग्रोनॉमिस्ट श्री प्रमोद पांडेय ने बताया कि महावीरा ज़िरोन में उपलब्ध पांच तत्व फॉस्फोरस ,बोरोन ,ज़िंक, सल्फर और कैल्शियम से मक्का फसल में गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाता है। फॉस्फोरस के उपयोग से जड़ें तेज़ी से विकसित होती हैं और दाने भी ज़्यादा भरते हैं और उनकी गुणवत्ता भी अच्छी होती है। वहीं बोरोन मक्का फसल में फूलों और फलों की संख्या बढ़ाने और दानों को चमकदार बनाने में सहायक होता है। जबकि ज़िंक प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को बढ़ाकर क्लोरोफिल के उत्पादन में सहायक होता है। इससे फलों की संख्या में भी वृद्धि होती है। सल्फर के कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। सल्फर,पौधों में कीटनाशक और टॉनिक की तरह काम करता है। कैल्शियम सपौधों की ताकत और मज़बूती बढ़ाता है। इसके कारण मक्के के आकार और मोटाई बढ़ने से उत्पादन भी ज़्यादा होता है।
मक्का फसल में पोषक तत्वों का प्रबंधन:
बुवाई के समय महावीरा ज़िरोन 200 किलो,म्यूरेट ऑफ़ पोटाश 26 किलो,यूरिया 40 किलो ,सिमट्रोन 4 किलो और 25 किलो मेग्नेशियम सल्फेट /एकड़ डालना चाहिए। 25 -30 दिन बाद 70 किलो/एकड़ यूरिया देना चाहिए।
45 -50 दिन के बाद फिर 50 किलो यूरिया,एमिट्रोन 500 मिली लीटर और 250 ग्राम बोरोन /एकड़ देना चाहिए। जल घुलनशील उर्वरक 4 -5 ग्राम /लीटर पानी में 20 -25 दिन की अवधि में 19 :19 :19 ,45 -50 दिन की अवधि में 12 :61 :00 का छिड़काव अवश्य करें।
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