सरकार ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए गेहूं पर भी स्टॉक लिमिट लगाई
31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी
15 जून 2023, नई दिल्ली: सरकार ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए गेहूं पर भी स्टॉक लिमिट लगाई – सरकार ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए दालों के बाद अब गेहूं पर भी स्टॉक लिमिट लगा दी है। गेहूं के स्टॉक की मात्रा की सीमा तय कर दी है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण सचिव श्री संजीव चोपड़ा ने बताया कि स्टॉक की सीमा 31 मार्च, 2024 तक लागू रहेगी। स्टॉक लिमिट लागू होने से अब व्यापारी और थोक विक्रेता 3,000 टन से अधिक गेहूं नहीं रख सकते। जबकि खुदरा विक्रेताओं के पास केवल 10 टन तक गेहूं का स्टॉक हो सकता है।
केंद्र सरकार ने 15 साल में पहली बार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मार्च, 2024 तक तत्काल प्रभाव से गेहूं पर भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) लागू कर दी। सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है। गेहूं के अलावा ओएमएसएस के तहत थोक खरीदारों को चावल की बिक्री की जाएगी और समय आने पर बिक्री की मात्रा तय की जाएगी।
श्री चोपड़ा ने बताया कि देश में पर्याप्त भंडार उपलब्ध। ऐसे में गेहूं आयात नीति में बदलाव की कोई योजना नहीं। गेहूं निर्यात पर रोक जारी रहेगी। सरकार कीमतों पर अंकुश के लिए इस माह के अंत में पहले चरण के तहत थोक उपभोक्ताओं, व्यापारियों के लिए 15 लाख टन गेहूं जारी करेगी।
ओएमएसएस के तहत गेहूं और चावल की बिक्री के साथ-साथ गेहूं पर भंडारण सीमा लागू करना सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के लिए किए गए लगातार प्रयासों का हिस्सा है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं और चावल के भंडारण की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
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