उत्तरप्रदेश के किसान गेंहू की बुवाई से पहले कर लें बीज शोधन
02 नवम्बर 2023, नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश के किसान गेंहू की बुवाई से पहले कर लें बीज शोधन – देश के कई हिस्सों में खरीफ फसल की कटाई चल रही हैं। इसके बाद रबी सीजन की प्रमुख फसल गेंहू की शुरूआत हो जायेगी। गेंहू उत्तरप्रदेश के किसानों के लिए एक अहम फसल हैं। इसका कुल क्षेत्र पूरे भारत में पहले स्थान पर हैं। देश में गेहूं का सबसे अधिक उत्पादन 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में होता है। देश के कुल खाद्यान उत्पादन में गेहूं का योगदान लगभग 37 प्रतिशत है |
किसान गेंहू की बुआई से पहले बीज दर व बीज शोधन आवश्य कर लें। स्वस्थ और निरोग बीज बोने से ही फसल स्वस्थ होगी और अधिक उत्पादन प्राप्त होगा।
बीज दर एवं बीज शोधन
लाइन में बुआई करने पर सामान्य दशा में 100 किग्रा० तथा मोटा दाना 125 किग्रा० प्रति है, तथा छिटकवॉ बुआई की दशा में सामान्य दाना 125 किग्रा० मोटा-दाना 150 किग्रा० प्रति हे0 की दर से प्रयोग करना चाहिए। बुआई से पहले जमाव प्रतिशत अवश्य देख ले। राजकीय अनुसंधान केन्द्रों पर यह सुविधा निःशुल्क उपलबध है। यदि बीज अंकुरण क्षमता कम हो तो उसी के अनुसार बीज दर बढ़ा ले तथा यदि बीज प्रमाणित न हो तो उसका शोधन अवश्य करें। बीजों का कार्बाक्सिन, एजेटौवैक्टर व पी.एस.वी. से उपचारित कर बोआई करें। सीमित सिंचाई वाले क्षेत्रों में रेज्ड वेड विधि से बुआई करने पर सामान्य दशा में 75 किग्रा० तथा मोटा दाना 100 किग्रा० प्रति हे0 की दर से प्रयोग करे।
पंक्तियों की दूरी
सामान्य दशा में 18 सेमी० से 20 सेमी० एवं गहराई 5 सेमी० ।
विलम्ब से बुआई की दशा में
15 सेमी० से 18 सेमी० तथा गहराई 4 सेमी० ।
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