समस्या – समाधान (Farming Solution)

समस्या – समाधान (Farming Solution) में विभिन्न फसलों के लिए किसानों की समस्याओं के जवाब, कृषि संबंधी समाधान, पौधों की सुरक्षा, बीज का चयन, बुआई और खेती कैसे करें शामिल हैं। समस्या – समाधान (Farming Solution) में बीज उपचार, खरपतवार नियंतरण, रोगोन और संक्रमण से सुरक्षा आदि भी शामिल हैं। इसमें कीट और रोग संलग्न, सिंचाई समस्या, मौसम संबंधी समस्याएं, मिट्टी जनित रोग संबंधी समस्याएं, बीज चयन, उर्वरक खुराक सुधार से संबंधित समस्याएं भी शामिल हैं। इसमें गेहूं, सोयाबीन, चना, धान, बासमती जैसी फसलें और आम, सेब, पपीता, अमरूद, बिंदी, भिंडी, टमाटर, प्याज, फूलगोभी, मटर, ड्रैगन फ्रूट, तोरी आदि फल और सब्जियां (बागवानी फसलें) शामिल हैं। इसमें कीटों और बीमारियों के लिए कृषि रसायनों की सही खुराक और उर्वरक अनुप्रयोग के लिए सही खुराक भी शामिल है।

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समस्या- मैंने अगेती फूलगोभी लगाई है अच्छे उत्पादन के लिये जरूरी सलाह दें।

समाधान– अगेती फूलगोभी लगाने से अच्छी आमदनी संभव है। उसका रखरखाव निम्नानुसार करें और लाभ कमायें। खड़ी फसल में यूरिया की टाप ड्रेसिंग, निंदाई -गुड़ाई तथा सिंचाई के उपरांत करें। सिंचाई बराबर भूमि के प्रकार और आवश्यकता के अनुसार की

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समस्या- मैं पालक लगाना चाहता हूं कृपया विधि तथा अच्छी जातियां बतायें।

समाधान– आप पालक लगाना चाहते हैं यह समय पालक लगाने के लिये उपयुक्त है आप निम्न उपाय करें- सभी प्रकार की भूमि में पैदा किया जा सकता है। जातियों में पूसा भारती, पूसा हरिता, अलग्रीन, पूसा ज्योति तथा जोबनेर ग्रीन।

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समस्या- वर्तमान में कौन-कौन सी चारा फसल लगाई जा सकती है, लगाने का तरीका भी बतायें।

समाधान- आपका प्रश्न सामयिक तथा अनुकरणीय भी है। कृषकों को चाहिए कि खेत के कुछ भाग में मवेशियों के लिये पौष्टिक चारा लगायें। आप उपचार करें। इस माह लूर्सन लगाया जा सकता है। बीज की मात्रा 4-5 किलो/एकड़, कतार से

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कम वर्षा का गन्ने पर असर

वर्तमान वर्षा के अभाव का असर अगस्त माह में अन्त तक प्रदेश के प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा का अभाव है। वर्षा जल अभी तक खेतों के बाहर बहकर नहीं निकला है। सावन माह की झड़ी का तो

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समस्या- असिंचित गेहूं में बुआई उपरान्त पौधे सूखने लगते हैं, उपाय तथा कारण बतायें।

समाधान- असिंचित गेहूं की बुआई के तुरन्त बाद जैसे ही ‘पोईÓ बाहर आती है कतारों में कई जगह सूखी-सूखी पौध दिखाई देती है। जिसके दो-तीन कारण हो सकते हैं। एक तो दाना पर्याप्त नमी में नहीं डाला गया है, दूसरा

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मैं ईसबगोल की खेती करना चाहता हूं, इसकी आधार आवश्यकताओं व उत्पादन तकनीक की जानकारी देने की कृपा करें

 ईसबगोल एक नगदी औषधीय फसल है।  ईसबगोल लिये ठंडा व शुष्क मौसम अनुकूल रहता है। अच्छे जल निकास वाली हल्की बालुई मिट्टी इसके लिए अधिक उपयुक्त रहती है। वैसे जल निकास की अच्छी व्यवस्था कर इसे उगाया जा सकता है।

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समस्या -लहसुन की उन्नत जातियां कौन-कौन सी हैं। हमारे क्षेत्र में कौन सी जाति उपयुक्त रहेगी। लहसुन में खाद की मात्रा भी बतायें।

समाधान- लहसुन की उन्नत किस्में उनके पकने की अवधि अुसार निम्न है। आई.सी. 35265, 100 दिन में तैयार हो जाती है। कन्द मध्यम आकार के होते है उत्पादन क्षमता 80-100 क्विंटल प्रति हेक्टर. यमुना सफेद-3 (जी 282)140 से 150 दिन

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समस्या- मशरूम उत्पादन करना चाहता हूं, प्रशिक्षण एवं स्थान कहां से मिलेगा।

समर सिंह, सीहोरसमर सिंह, सीहोर समाधान- मशरूम वास्तव में एक प्रकार की फफूंद होती है जिसे बहुत से नामों से जाना जाता है। आप मशरूम उत्पादन करना चाहते हैं तो आपने ठीक ही पूछा है। इसके लिये प्रशिक्षण बहुत जरूरी

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कपास में सफेद मक्खी का प्रकोप पाया जाता है, उपचार बतायें

शोभा शंकर, खरगौन समाधान – सफेद मक्खी कपास सहित अन्य खरीफ, रबी तथा जायद फसलों में आक्रमण करके साल भर अपनी चुनौती फसल को देती रहती है। उपचार के लिये निम्न उपचार करें। कपास की बिजाई समय से करें यथासम्भव

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समस्या- मैंने गन्ना लगाया है लाल सडऩ रोग हर वर्ष आता है, उपाय बतायें।

जयशंकर चौधरी, होशंगाबादसमाधान – गन्ने का लाल सडऩ रोग आमतौर पर जहां भी गन्ना लगा हो आता ही है क्योंकि बुआई पूर्व गडेरियों (टुकड़ों) का उपचार नहीं हो पाता है। इसके कारण गन्ने के रस की गुणवत्ता पर भी असर

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