कम मेहनत में ज्यादा काम! पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई होगी आसान, किसान को मिलेगा आराम
16 जुलाई 2025, नई दिल्ली: कम मेहनत में ज्यादा काम! पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई होगी आसान, किसान को मिलेगा आराम – धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब घंटों झुककर धान की रोपाई करने की जरूरत नहीं होगी। परंपरागत तरीके से जहां धान की रोपाई में ज्यादा समय, मेहनत और मजदूर लगते थे, वहीं अब पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से यह काम तेजी से और आसान तरीके से पूरा हो सकेगा। इस मशीन की मदद से किसान कम समय में अपने खेत की रोपाई कर पाएंगे, जिससे मजदूरी का खर्च बचेगा और मेहनत भी कम होगी।
क्या है पैडी ट्रांसप्लांटर?
पैडी ट्रांसप्लांटर यानी धान रोपाई मशीन एक स्वचालित यंत्र है जिसमें इंजन लगा होता है। यह मशीन एक बार में 4 से 8 कतारों में पौधों की रोपाई कर सकती है। मशीन के जरिए कतार से कतार की दूरी 23.8 सेंटीमीटर और पौध से पौध की दूरी 10 से 12 सेंटीमीटर होती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान 1 दिन में 1 हेक्टेयर तक खेत की रोपाई आसानी से कर सकते हैं।
क्यों है ये मशीन किसानों के लिए फायदेमंद?
1. 75 से 80 प्रतिशत तक मेहनत की बचत होती है।
2. 50 प्रतिशत तक लागत घटती है।
3. मजदूरों की संख्या घटती है—जहां पहले 15-20 मजदूर लगते थे, अब सिर्फ 3-4 . से काम हो जाता है।
5. पौधों की सही दूरी पर रोपाई होती है, जिससे उनकी बढ़वार अच्छी होती है और उत्पादन बढ़ता है।
6. निंदाई, गुड़ाई और कटाई का काम भी आसान हो जाता है।
नर्सरी कैसे करें तैयार?
पैडी ट्रांसप्लांटर के लिए चटाईनुमा नर्सरी (मैट टाइप नर्सरी) तैयार करनी होती है। इसके लिए खेत की समतल जमीन पर मिट्टी की एक समान परत बिछाकर उसमें 7 से 8 किलो बीज प्रति एकड़ की दर से अंकुरित बीज छिड़के जाते हैं। करीब 15-18 दिन में पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। पौध की लंबाई लगभग 15 सेंटीमीटर होती है और इसमें 3-4 पत्ते आ जाते हैं।
खेत की तैयारी कैसे करें?
मशीन से अच्छी रोपाई के लिए खेत की उथली मचाई (पडलिंग) करना जरूरी है। मचाई के लिए खेत में 50 मिलीमीटर (करीब 2 इंच) पानी भरकर उसे अच्छी तरह से जोता जाता है, ताकि मिट्टी नरम हो जाए। मचाई से पौधों की जड़ें मिट्टी में जल्दी जमती हैं और बढ़वार बेहतर होती है।
मचाई करते समय किन बातों का ध्यान रखें:
1. खेत को समतल करें और चारों ओर मेड़ बनाएं।
2. 24 से 36 घंटे तक खेत में पानी भरकर मिट्टी को गीला करें।
3. अधिक गहराई तक मचाई न करें, इससे मशीन का पहिया धंस सकता है।
4. खरपतवार को पहले ही साफ करें ताकि मशीन में कोई दिक्कत न आए।
5. मचाई के बाद मिट्टी की सतह को थोड़ी देर ठहरने दें ताकि रोपाई के समय पौधे अच्छी तरह लगें।
क्यों जरूरी है चटाईनुमा पौध?
क्यों जरूरी है चटाईनुमा पौध?चटाईनुमा नर्सरी से रोपाई आसान हो जाती है। पौध मजबूत बनती है और मशीन में आसानी से फिट हो जाती है। इसके लिए मिट्टी का विशेष मिश्रण बनाकर बीज बोया जाता है। नर्सरी तैयार करते वक्त 15-20 किलो बीज प्रति हेक्टेयर की जरूरत होती है। जब पौध में 3-4 पत्ते आ जाते हैं, तो वह मशीन से रोपाई के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है।
किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
पैडी ट्रांसप्लांटर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कम समय और कम मेहनत में ज्यादा काम हो जाता है। किसानों को मजदूरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और खेती की लागत भी घटेगी। साथ ही पौधों की ग्रोथ और फसल की उपज बेहतर होगी। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले समय में पैडी ट्रांसप्लांटर खेती में बड़ा बदलाव ला सकता है और किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
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