पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई खेत में की गई
08 अगस्त 2024, भोपाल: पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई खेत में की गई – मध्य प्रदेश में कृषि विज्ञान केन्द्र शहडोल द्वारा जिले के ग्राम जरवाही में धान की ट्रांसप्लांटिंग मशीन द्वारा कृषकों के खेत में कृषक प्रक्षेत्र प्रदर्शन कराये गए।
इस मोके पर जिला पंचायत श्री राजेश जैन (आईएएस), अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम पी सिंह, उपसंचालक कृषि आर पी झारिया एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वैज्ञानिक दीपक चौहान एवं कृषि अभियांत्रिकी विभाग के सहायक कृषि यंत्री रितेश प्यासी द्वारा सभी अधिकारीयों एवं कृषकों को मशीन के संचालन के बारे में विस्तृत रूप से बताया स
धान बुवाई में लेबर की कमी- एक बड़ी समस्या
धान बुवाई के सीजन में लेबर को लेकर किसानों के सामने एक बड़ी समस्या उत्पन्न होती है। इस समस्या का समाधान धान रोपाई यंत्र से हो जाता है। इस यंत्र के माध्यम से आप अपने एक एकड़ भूमि पर तेजी के धान की रोपाई कर सकते हैं और इसमें सिर्फ एक व्यक्ति ही इस मशीन को चला सकता है। जिससे लेबर की बचत होने के साथ समय की भी बचत होती है और लागत में भी कमी आती है, मजदूरों पर निर्भरता कम हो जाती है। जिससे खेत में खरपतवार नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है और धान में अधिक कंसे निकलते हैं। श्री चौहान ने बताया कि इस मशीन को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर उपयोग में लाया जा सकता हैए इसलिए इसको ट्रैक्टर से धान लगाने की मशीन भी कहा जाता है।
इस मोके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री राजेश जैन ने स्वयं मशीन का संचालन कृषक के खेत में किया एवं मौजूद अन्य अधिकारीयों ने भी मशीन का संचालन कर धान का रोपा लगाया एवं मशीन को भलीभांति समझा।
सहायक कृषि यंत्री रितेश प्यासी ने बताया कि इस मशीन के उपयोग करने से पहले धान की चटाईनुमा नर्सरी तैयार की जाती है स उसे व्व्यवस्थित तरीके से तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है ए इसके लिए बारीक छानी हुई मिटटी की आवश्यकता होती है स अगर नर्सरी में छोटे कंकर पत्थर आ जाते है तो यह मशीन के फिंगर को ख़राब कर देते हैै।
सही तरीके से इस्तेमाल जरूरी
उपसंचालक कृषि आर पी झारिया ने बताया कि अगर किसान एक सही धान लगाने वाली मशीन को खरीदते है और इसका सही तरीके से इस्तेमाल करतें हैं तो उनको कईं तरह के फायदे हो सकते हैं। अगर आप बड़े पैमानें पर धान की खेती करते है तो आपको अधिक लेबर की जरूरत पड़ती है। बल्कि एक सामान्य स्तर पर खेती करने के लिए भी एक समय पर 4 से 15 लोगो तक की जरूरत पड़ सकती है। इतने लोगो को खेती के लिए एक साथ लाने के लिए बड़ी लागत लगती है। लेबर की लागत अनुमानतः रू.1500 दृ 3000 प्रति एकड़ है। इस हिसाब से अगर सिर्फ 4 लोगो को भी खेती के काम पर लगाया जाता है तो कुल खर्चा रू.6000 -12,000 तक हो सकता है। वही पैडी ट्रांसप्लांटर की मदद से सिर्फ दो लोग, एक ऑपरेटर और एक हेल्पर, की मदद से ही बड़े स्तर पर धान की खेती की जा सकती है। अगर आप ट्रैक्टर से धान लगाने वाली मशीन का उपयोग करतें हैं तो आपकी लागत रू. 800-1000 प्रति एकड़ आती है। धान लगाने वाली मशीन की मदद से किसान धान की खेती में होने वाले खर्चे को बहुत सारे तरीको से कम कर सकते हैं और अधिक पैदावार हासिल कर सकतें है। इसलिए धान रोपाई मशीन को खरीदना एक समझदारी भरा कदम है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: